$50 cm$  दूर रखे किसी बिन्दु स्त्रोत के द्वारा एक सीजियम सेल को प्रदीप्त किया जाता है। इस सेल के सिरों पर $60 V$ का विभवान्तर है। जब वही प्रकाश स्रोत $1m$ दूर रखा जाये तो सेल से उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉन

  • A

    संख्या में एक चौथाई होंगे

  • B

    संख्या में आधे होंगें

  • C

    प्रत्येक का संवेग पूर्व का एक-चौथाई होगा

  • D

    प्रत्येक का संवेग पूर्व का एक-चौथाई होगा

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पृथ्वी के पृष्ठ पर पहुँचने वाला सूर्य-प्रकाश का ऊर्जा-अभिवाह ( फ्लक्स ) $1.388 \times 10^{3}$ $W / m ^{2}$ है। लगभग कितने फ़ोटॉन प्रति वर्ग मीटर प्रति सेकंड पृथ्वी पर आपतित होते हैं? यह मान लें कि सूर्य-प्रकाश में फ़ोटॉन का औसत तरंगदैर्घ्य $550\, nm$ है।

निम्न में से क्या सही है (यहाँ संकेतों के सामान्य अर्थ हैं)

एक प्रकाश उत्सर्जक सेल में कार्यकारी तरंगदैर्ध्य $\lambda $ है एवं सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग $v$ है। यदि उत्तेजित तरंगदैर्ध्य बदलकर $\frac{{3\lambda }}{4}$ हो जाये तो सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग होगा

  • [AIPMT 1998]

$4400 \,\mathring A$ तरंगदैध्र्य का फोटॉन निर्वात से गुजरता है। फोटॉन के प्रभावी द्रव्यमान तथा संवेग क्रमश: होंगे

$1.0 \times {10^{14}}Hz$ आवृत्ति का एक विद्युत चुम्बकीय विकिरण, स्पेक्ट्रम के अवरक्त भाग में है। इसके एक फोटॉन की ऊर्जा जूल में होगी