एक संधारित्र के भीतर $K = 3$ का परावैद्युत पदार्थ भरने पर आवेश ${Q_0}$, वोल्टता ${V_0}$ और विद्युत क्षेत्र ${E_0}$ है। यदि परावैद्युत पदार्थ को एक अन्य पदार्थ से प्रतिस्थापित करें जिसका $K = 9$ है तो आवेश, वोल्टता और क्षेत्र का मान होगा क्रमश:

  • A

    $3{Q_0},\;3{V_0},\;3{E_0}$

  • B

    ${Q_0},\;3{V_0},\;3{E_0}$

  • C

    ${Q_0},\;\frac{{{V_0}}}{3},\;3{E_0}$

  • D

    ${Q_0},\;\frac{{{V_0}}}{3},\;\frac{{{E_0}}}{3}$

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एक समांतर पट्टिका संधारित्र, जिसकी पट्टिकाओं के बीच वायु है, की धारिता $8 pF$ $\left(1 pF =10^{-12} F \right)$ है। यदि पट्टिकाओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए और इनके बीच के स्थान में $6$ परावैध्यूतांक का एक पदार्थ भर दिया जाए तो इसकी धारिता क्या होगी?

एक वायु संधारित्र की धारिता $C$ है। यदि प्लेटों के बीच की दूरी को दोगुना करके इसे एक द्रव में डुबो दिया जाये तो धारिता दो गुनी हो जाती है। द्रव का परावैद्युतांक होगा

एक समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $10\,\mu \,F$ (माइक्रो-फैराड) है, उसकी प्लेटों के मध्य में वायु भरी है। अब प्लेटों के बीच के आधे स्थान में एक परावैद्युत माध्यम, जिसका परावैद्युतांक $4$ है, भर दिया जााता है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। संधारित्र की धारिता बदलकर .........$\mu \,F$ हो जाएगी

तीन एकसमान संधारित्रों (identical capacitors) $C_1, C_2$ और $C_3$ में प्रत्येक की धारिता $1.0 \mu F$ है और शुरुआत में तीनों संधारित्र अनावेशित (uncharged) हैं। तीनों संधरित्रों को, जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है, एक परिपथ (circuit) में जोड़ा गया है और उसके बाद $C_1$ में $\epsilon_{ r }$ सापेक्ष परावैद्युतांक (relative permittivity) का एक परावैदयुत (dielectric) पदार्थ पूर्णतः भरा जाता है। सेल (cell) का विद्युत् वाहक बल (electromotive force, emf) $V_0=8 V$ है। शुरुआत में कुंजी (switch) $S_1$ बंद है और कुंजी $S_2$ खुली है। संधारित्र $C_3$ के पूरी तरह आवेशित (charged) होने के बाद, एक ही पल मे एक साथ (simultaneously) कुंजी $S_1$ को खोल दिया जाता है और कुंजी $S_2$ को बंद कर दिया जाता है। जब सभी संधारित्र साम्यावस्था (equilibrium) में आ जाते हैं, तब संधारित्र $C_3$ पर $5 \mu C$ का आवेश पाया जाता है। $\epsilon_r$ का मान $\qquad$ है।

  • [IIT 2018]

एक समान्तर प्लेट संधारित्र दो प्लेटों से बना है जिनकी लम्बाई $l$, चौडाई $w$ हैं और एक दुसरे से $d$ दूरी पर है। एक परावैद्युत पट्टी (परावैद्युतांक $K$ ) जो कि प्लेटों के बीच ठीक से समा जाती है, को प्लेटों की सिरे के पास पकड़ कर रखा हुआ है। इसे संधारित्र के अन्दर बल $F =-\frac{\partial U }{\partial x}$ द्वारा खींचा जाता है जहाँ $U$ संधारित्र की तब ऊर्जा है जब परावैद्युत संधारित्र के अन्दर $x$ दूरी पर है। (चित्र देखें)। यदि संधारित्र पर आवेश $Q$ है, तब परावैद्युत पर बल, जब वह सिरे के पास है, होगा

  • [JEE MAIN 2014]