$10^{8}$ कूलाम/किग्रा विशिष्ट आवेश वाला एक आवेशित कण $3 \times 10^{5}$ मी/सेकंड के वेग से $0.3\; T$ वाले चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र से $30^{\circ}$ का कौन बनाते हुए प्रवेश करता है तो वक्रता त्रिज्या होगी
$2$
$0.5$
$0.01$
$1$
दो आयनों, जिनके द्रव्यमान समान हैं, पर आवेशों का अनुपात $1: 2$ है। इन्हें किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के अभिलम्बवत् $2: 3$ के अनुपात में चालों से प्रक्षेपित किया गया है। इनके वत्तीय प्रक्षेप पथों की त्रिज्याओं का अनुपात होगा।
एक पुंज, जिसमें $H{e^ + }$ एवं ${O^{2 + }}$ आयन मिश्रित हैं, ($H{e^ + }$ का द्रव्यमान $ = 4\,amu$ एवं $2 \times {10^{ - 7}}\,N/m$ का द्रव्यमान $ = 16\,amu)$, किसी नियत लम्बवत् चुम्बकीय क्षेत्र में से गुजरता है। यदि सभी आयनों की गतिज ऊर्जा समान है तब
एक स्थान पर एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र $B$ एवं एक समरूप विद्युत क्षेत्र $E$ एक साथ कार्यरत है। इस स्थान पर एक इलेक्ट्रॉन प्रवेश करता है। इसके अविचलित गुजरने के लिए सही व्यवस्था को किस चित्र में दिखाया गया हैं
एक इलेक्ट्रॉन (जिसका द्रव्यमान $9 \times {10^{ - 31}}\,kg$ एवं आवेश $1.6 \times {10^{ - 19}}C$) ${10^6}\,m/s$ के वेग से चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। यदि यह $0.10\, m$ त्रिज्या का वृत्त बनाता है, तो चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा
एक प्रोटॉन की संहति $1.67 \times {10^{ - 27}}\,kg$ और आवेश $1.6 \times {10^{ - 19}}\,C$ है, इसे $60^\circ $ कोण पर $2 \times {10^6}\,m/s$ की चाल से $X - $ अक्ष पर प्रक्षेपित किया जाता है। यदि एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $0.104$ टेसला $Y - $ अक्ष के अनुदिश आरोपित किया जाये, तो प्रोटॉन का पथ है