$5$ कूलॉम का एक आवेश $0.5\,m$ से विस्थापित किया जाता है। इस प्रक्रिया में किया गया कार्य $10$ जूल है। दोनों बिन्दुओं के बीच विभवान्तर ........$V$ होगा

  • A

    $2$

  • B

    $0.25$

  • C

    $1$

  • D

    $25$

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एक ऋणात्मक आवेश को पृथ्वी की सतह से ऊपर ले जाने में स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन होगा

नीचे दिए गए चित्र में एक आवेश विन्यास जिसे विध्यूत चतुर्ध्रुवी कहा जाता है, दर्शाया गया है। चतुर्ध्रुवी के अक्ष पर स्थित किसी बिंदु के लिए $r$ पर विभव की निर्भरता प्राप्त कीजिए जहाँ $r / a>>1$ । अपने परिणाम की तुलना एक विध्यूत द्विध्रुव व विध्यूत एकल ध्रुव (अर्थात् किसी एकल आवेश ) के लिए प्राप्त परिणामों से कीजिए।

एक इलेक्ट्रॉन को दूसरे इलेक्ट्रॉन की ओर लाने पर निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा

  • [AIPMT 1999]

एक इलेक्ट्रॉन जिसका द्रव्यमान $m$ तथा आवेश $e$ है, को निर्वात में विभवान्तर $V$ द्वारा विरामावस्था से त्वरित किया जाता है। इलेक्ट्रॉन की अंतिम चाल होगी

धनात्मक $\mathrm{x}$-अक्ष के अनुदिश निर्देशित $30 \mathrm{NC}^{-1}$ मान के किसी एकसमान विद्युत क्षेत्र में $2 \times 10^{-2} \mathrm{C}$ का एक बिन्दु आवेश बिन्दु $\mathrm{P}$ से $\mathrm{S}$ पर जाता है। यदि $\mathrm{P}$ एवं $\mathrm{S}$ के निर्देशांक क्रमशः $(1,2,0) \mathrm{m}$ एवं $(0,0,0) \mathrm{m}$ हैं, तो $.........\,mJ$ प्रक्रम मे विद्युत क्षेत्र द्वारा किए गए कार्य का मान होगा।

  • [JEE MAIN 2023]