किसी आवेशित कण $q$ को एक दूसरे आवेशित कण $Q$ जो कि स्थिर है, की ओर वेग $v$ से छोड़ा जाता है। यह $Q$ की न्यूनतम दूरी $r$ तक उपगमन करके वापस लौट आता है। यदि $q$ को वेग $2v$ से छोड़ते, तो इसके उपगमन की न्यूनतम दूरी होती
$r$
$2r$
${{r}/{2}}$
${{r}/{4}}$
दो बिन्दु आवेश $4 q$ व $- q ; x-$अक्ष पर क्रमशः $x =-\frac{ d }{2}$ व $x$ $=\frac{ d }{2}$ पर स्थिर है। यदि एक तीसरे बिन्दु आवेश $'q'$ को मूलबिन्दु से $x = d$ तक अर्धवृत्त के अनुदिश चित्रानुसार ले जाया जाये तो आवेश की ऊर्जा ।
एक मूल कण जिसका द्रव्यमान $m$ व आवेश $ + \,e$ है को $v$ वेग से एक बहुत भारी कण जिस पर आवेश $Ze$ (जहाँ $Z > 0$) है, की ओर प्रक्षेपित किया जाता है। आपतित कण की निकटतम पहुँच दूरी होगी
एक $m$ द्रव्यमान तथा $e$ आवेश के प्रोटॉन को लम्बी दूरी से $\alpha$ कण की ओर $v$ वेग से प्रक्षेपित किया जाता है। $\alpha$ कण शुरुआत में स्थिर अवस्था में है, परंतु गति करने के लिय स्वतंत्र है। गुरुत्व को नगण्य मानते हुए, उनकी गति की रेखा में, $\alpha$ कण और प्रोटॉन के बीच की न्यूनतम दूरी क्या होगी ?
एक $\alpha$-कण एवं एक प्रोट्रोन, समान विभवान्तर के द्वारा विश्रामावस्था से त्वरित किए जाते हैं। इन दोनों कणों के द्वारा प्राप्त किए गए रेखीय संवेगों का अनुपात है:
चित्रानुसार $l$ भुजा के समबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर तीन आवेश $Q,( + q)$ तथा $( + q)$ रखे गये हैं। यदि निकाय की कुल स्थिर विद्युतीय ऊर्जा शून्य हो तो $Q$ का मान है