जड़त्व आघूर्ण $I_t$ की एक वृताकार डिस्क अपनी सममिति अक्ष के परित:, एक स्थिर कोणीय वेग $\omega_{i}$ से क्षैतिज तल में घूर्णन कर रही है। इस डिस्क के ऊपर जड़त्व आघूर्ण $I _{ b }$ की एक अन्य डिस्क संकेन्द्री डाल दी जाती है। प्रारम्भ में दूसरी डिस्क की कोणीय चाल शून्य है। अन्तत: दोनों डिस्क एक ही स्थिर कोणीय वेग $\omega_{f}$ से घूर्णन करने लगती हैं। प्रारम्भ में घूर्णन करती हुई डिस्क की घर्षण के कारण नष्ट हुई उर्जा है
$\frac{1}{2}\;\frac{{{I_b}^2}}{{\left( {{I_t} + {I_b}} \right)}}{\omega _i}^2$
$\;\frac{1}{2}\;\frac{{{I_t}^2}}{{\left( {{I_t} + {I_b}} \right)}}{\omega _i}^2$
$\;\frac{1}{2}\;\frac{{\left( {{I_b} - {I_t}} \right)}}{{\left( {{I_t} + {I_b}} \right)}}{\omega _i}^2$
$\;\frac{1}{2}\;\frac{{{I_b}{I_t}}}{{\left( {{I_t} + {I_b}} \right)}}{\omega _i}^2$
कोई पिण्ड किसी आनत समतल पर बिना फिसले नीचे की ओर लुढ़क रहा है। इसकी घूर्णन की गतिज ऊर्जा स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा की $50 \%$ है। यह पिण्ड है कोई।
यदि किसी वस्तु का जड़त्व आघूर्ण ‘$I$’ तथा कोणीय वेग ‘ $ \omega $ ’ हो तब इसकी घूर्णन गतिज ऊर्जा होगी
तीन पिण्ड, $A$ : (एक ठोस गोला ) , $B$ : (एक पतली वृत्ताकार चकती) तथा $C$ : (एक वृत्ताकार छल्डा), जिनमें प्रत्येक का द्रव्यमान $M$ तथा त्रिज्या $R$ है, समान कोणीय चाल $\omega$ से अपनी सममिति अक्षों के परित: चक्रण कर रहे हैं । इन्हें विरामावस्था में लाने के लिए किए जाने वाले आवश्यक कार्यों $( W )$ के लिए कौन-सा संबंध सही है ?
$1$ किग्रा द्रव्यमान व $3$ सेमी त्रिज्या की एक ठोस गोलीय गेंद, एक अक्ष जो इसके केन्द्र से जाती है, के परित: कोणीय वेग $ 50$ रेडियन/सैकण्ड के वेग से घूम रही है। घूर्णन की गतिज ऊर्जा है
$20\, kg$ द्रव्यमान का कोई ठोस सिलिंडर अपने अक्ष के परितः $100\, rad s ^{-1}$ की कोणीय चाल से घूर्णन कर रहा है । सिलिंडर की त्रिज्या $0.25\, m$ है । सिलिंडर के घूर्णन से संबद्ध गतिज ऊर्जा क्या है ? सिलिंडर का अपने अक्ष के परितः कोणीय संवेग का परिमाण क्या है ?