एक चालक गोले की त्रिज्या $R$ है। इस पर $Q$ आवेश है। गोले के केन्द्र पर विधुत विभत तथा विधुत क्षेत्र क्रमशः हैं

  • [AIPMT 2014]
  • A

    $0 $, $\frac{Q}{{4\pi {\varepsilon _0}{R^2}}}$

  • B

    $\frac{Q}{{4\pi {\varepsilon _0}{R }}}$ ,$0$

  • C

    $\frac{Q}{{4\pi {\varepsilon _0}{R^{}}}}$ $,\frac{Q}{{4\pi {\varepsilon _0}{R^2}}}$

  • D

    $0,0$

Similar Questions

एक कुचालक वलय जिसकी त्रिज्या $0.5\,m$ है तथा जिस पर आवेश $1.11 \times {10^{ - 10}}\,C$ है। आवेश वलय पर असमान रूप से वितरित है तथा इसके कारण विद्युत क्षेत्र $\vec E$ उत्पन होता है रैखिक समाकलन $\int_{l = \infty }^{l = 0} {\, - \overrightarrow E .\overrightarrow {dl} }$ का वोल्ट में मान है  ($l=0$, वलय का केन्द्र)

  • [IIT 1997]

$R$ त्रिज्या के वृत्त पर $10$ इलेक्ट्रॉन एक दूसरे से समान दूरी पर स्थित हैं। अनन्त पर $V = 0$ के सापेक्ष केन्द्र $C$ पर विद्युत विभव $V$ व विद्युत क्षेत्र $E$ होंगे

$h$ ऊंचाई वाले निर्वातित (evacuated) एक बेलनाकार कक्ष के दोनों छोरों पर दो द्रढ़़ (rigid) चालक पट्टीकाएं हैं और उसका वक्रप्रष्ट अचालक है, जैसा की चित्र में दर्शाया गया है। कम भार वाली मुलायम पदार्थ से बनी हुयी कई गोलाकार गोलियाँ, जिनकी सतह पर एक चालक पदार्थ की परत चढ़ी है, नीचे वाली पट्टिका पर रखी हुई हैं। इन गोलियों की त्रिज्या $r \ll h$ है। अब एक उच्च वोल्टता का खोत $(HV)$ इस तरह से जोड़ा जाता है कि नीचे वाली पट्टिका पर $+V_0$ एवं ऊपर वाली पट्टिका पर $-V_0$ का विभव आ जाता है। चालक परत के कारण गोलियाँ आवेशित होकर पट्टिका के साथ समविभव हो जाती हैं जिसंके कोरण वे पट्टिका से प्रतिकर्षित होती हैं। अंततोगत्वा गोलियाँ ऊपरी पट्टिका से टकराती हैं, जहाँ पर गोलियों के पदार्थ की मुलायम प्रकृति के कारण प्रत्यवस्थान गुणांक (coefficient of restitution) को शून्य लिया जा सकता है। कक्ष में विद्युत क्षेत्र को समानान्तर पट्टिका वाले संधारित्र के समान माना जा सकता है। गोलियों की एक दूसरे से पारस्परिक क्रिया एवं टकराव को नगण्य माना जा सकता है। (गुरुत्वाकर्षण नगण्य है।)

निम्नलिखित में से कौनसा कथन सत्य है?

$(A)$ गोलियाँ ऊपरी पट्टिका पर चिपककर वहीं रह जाती हैं

$(B)$ गोलियाँ जिस आवेश के साथ ऊपर जाती हैं उसी आवेश के साथ उछल कर निचली पट्टिका पर वापस आ जाती हैं

$(C)$ गोलियाँ जिस्स आवेश के साथ ऊप्र जाती हैं उसके विपरीत आवेश के साथ उछलकर निचली पट्टिका पर वापूस आ जाती हैं

$(D)$ गोलियाँ दोनों पट्टिकाओं के बीच सरल आवर्त गति निष्पाद करेंगी

परिपथ में लगाए अमीटर में स्थायी अवस्था में औसत धारा

$(A)$ का मान शून्य होगा

($B$)$V_0$ के समानुपाती होगी

$(C)$ $V_0^{1 / 2}$ के समानुपाती होगी

$(D)$ $V_0^2$ के समानुपाती होगी

दिये गए सवाल का जवाब दीजिये ($1$) और ($2$)

  • [IIT 2016]

एक आवेश $+q$ को $r$ त्रिज्या वोल एक पतले वलय जिसका रेखीय आवेश घनत्व $\lambda=q \sin ^2 \theta /(\pi r)$ है, पर वितरित किया जाता है। वलय $x-y$ तल में है और $x$-अक्ष से $\vec{r}$ एक कोण $\theta$ बनाता है। बिन्दु आवेश $+Q$ को वलय के केन्द्र से अनंत तक विस्थापित करने में वैद्युत बल द्वारा किया गया कार्य निम्न के बरावर है।

  • [KVPY 2019]

अनंत लम्बाई का एक पतला तार, जिसका एकसमान रेखीय आवेश घनत्व $5 nC / m$ है, को $1 \ m$ त्रिज्या की एक गोलीय सतह को भेदकर, चित्रानुसार रखा है| गोलीय सतह पर $10 \ nC$ आवेश एकसमान रूप से वितरित है। यदि आवेशों का अभिविन्यास स्थैतिक है, तो बिंदुओं $P$ तथा $R$ के बीच के विभवान्तर का वोल्ट में परिमाण ........... होगा| [दिया है: SI इकाई में $\frac{1}{4 \pi \epsilon_0}=9 \times 10^9, \ln 2=0.7$; तार द्वारा छेदित क्षेत्र नगण्य मानिये|]

  • [IIT 2024]