आधार त्रिज़्या $R$ एवं ऊँचाई $h$ वाला एक शंकु आधार के समान्तर एकसमान विद्युत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }$ में स्थित है। शंकु में प्रवेश करने वाला विद्युत फ्लक्स है
$\frac{1}{2}\,EhR$
$E h R$
$2\, E h R$
$4\, E h R$
$2.4 \,m$ व्यास के किसी एकसमान आवेशित चालक गोले का पृष्ठीय आवेश छनत्व $80.0 \mu C / m ^{2}$ है।
$(a)$ गोले पर आवेश ज्ञात कीजिए।
$(b)$ गोले के पृष्ठ से निर्गत कुल वैद्युत फ्लक्स क्या है?
रेखीय आवेश घनत्व $\lambda$ का एक रेखीय आवेश चित्र में दिखाये अनुसार एक घन को विकर्णत: और फिर एक गोले को व्यास के अनुदिश भेदता हैं। घन और गोले से निर्गत फ्लक्स का अनुपात होगा
आरेख में दर्शाए अनुसार कोई आवेश $'q'$ किसी घन के एक कोने पर स्थित है। विधुत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }$ के छायांकित क्षेत्र से गुजरने वाला फ्लक्स होगा।
चित्रानुसार एक अनंत लंवाई के एकसमान आवेशित सीधे तार, जिसका रैखिक आवेश घनत्व $\lambda$ है, को $y-z$ तल में $y$-अक्ष के समांतर $z=\frac{\sqrt{3}}{2} a$ दूरी पर रखा गया है। यदि इसके विधुत क्षेत्र का $x-y$ तल में स्थित मूल विंदु पर केन्द्रित $A B C D$ आयताकार सतह से होकर जाने वाला फ्लक्स ( $\varepsilon_0=$ परावैद्युतांक का परिमाण) $\frac{\lambda L }{ n \varepsilon_0}$ है. तब $n$ का मान है।
$\alpha $ भुजा वाले एक घन के केन्द्र पर एक विद्युत आवेश $q$ रखा गया है। इसके फलकों में से एक फलक पर वैद्युत अभिवाह (electric flux) का मान होगा