एक शांकव (conical) दोलक, जिसकी लम्बाई $1\; m$ है और जो $Z-$अक्ष से $\theta=45^{\circ}$ के कोण पर हैं, $X Y$ समतल में एक गोलाकार पथ में चलता है। गोलाकार पथ की त्रिज्या $0.4\; m$ है और उसका केन्द्र बिन्दु $O$ के ठीक नीचे है। उस दोलक की गति गोलाकार पथ में होगी : $\left(g=10 \;ms ^{-2}\right)$
$0.4$
$4$
$0.2$
$2$
एक कार एकसमान चाल से समतल सड़क पर जा रही है। कार के भीतर हीलियम गैस से भरा गुब्बारा धागे से बाँधकर तली में बाँध दिया जाता है। धागा ऊध्र्वाधर रहता है। अब कार चाल को नियत रखते हुऐ बायीं ओर मुड़ जाती है, तो गुब्बारा कार में
एक कण $1$ मीटर त्रिज्या वाले वृत्त का एक चक्कर $10$ सैकण्ड में लगाता है। गति के दौरान उसका औसत वेग है
दो कोरें $S_1$ तथा $S_2$, एक समतलीय संकेंद्री वृताकार पथ (coplanar concentric circular path) पर एक दूसरे के परस्पर विपरीत दिशा में गतिमान हैं । $S_1$ तथा $S_2$, का परिक्रमण काल (period of revolution) क्रमशः $3 \,min$ तथा $24 \,min$ है | यदि समय $t=0$ पर $S_1$ तथा $S_2$ एक दूसरे से अधिकतम दूरी पर हों तो, वे
एक कण $r$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर एकसमान वेग से गति कर रहा है $P$ से $Q$ तक $(\angle POQ = 40^\circ )$ जाने में वेग में परिवर्तन होगा
$900$ ग्राम द्रव्यमान के एक पत्थर को एक डोरी में बाँधकर एक ऊर्ध्वाधर $1$ मी. त्रिज्या के वृत्त में घुमाया जाता है जो $10$ चक्कर प्रति मिनट पूरे करता है तब पत्थर निम्नतम (निचले) बिन्दु पर हो तो डोरी में तनाव है: (यदि $\pi^2=9.8$ तथा $g=9.8$ मी.ससे. ${ }^2$ )