एक शांकव (conical) दोलक, जिसकी लम्बाई $1\; m$ है और जो $Z-$अक्ष से $\theta=45^{\circ}$ के कोण पर हैं, $X Y$ समतल में एक गोलाकार पथ में चलता है। गोलाकार पथ की त्रिज्या $0.4\; m$ है और उसका केन्द्र बिन्दु $O$ के ठीक नीचे है। उस दोलक की गति गोलाकार पथ में होगी : $\left(g=10 \;ms ^{-2}\right)$
$0.4$
$4$
$0.2$
$2$
एक कण नियत कोणीय वेग से वृत्तीय पथ पर गति कर रहा है। गति के दौरान
एक कण किसी दी गई त्रिज्या $R$ के वृत्तीय पथ पर नियत कोणीय वेग से गति करता है तथा इस पर अभिकेन्द्रीय बल $F$ क्रियाशील रहता है। यदि कोणीय वेग वही रहे किन्तु त्रिज्या आधी कर दें, तो नया बल होगा
यदि एक कण वृत्तीय पथ पर इस प्रकार गति कर रहा है कि यह समान समय में समान कोण अंतरित करता है, तो इसका वेग सदिश
एक ठोस चकती किसी क्षैतिज पथ पर स्थिर वेग $\upsilon $ से दक्षिणावर्त बिना फिसले लुढ़क रही है। किसी स्थिर प्रेक्षक के सापेक्ष बिन्दु $A, B$ और $C$ के वेगों के परिमाण क्रमश: है
एक पिण्ड $r$ त्रिज्या के वृत्त मे एक समान चाल $v$ से चक्कर लगा रहा है, तो स्पर्श रेखीय त्वरण होगा