$40$ सेमी. फोकस दूरी का एक उत्तल लैंस का प्रकाश विद्युत सेल पर वृहद स्त्रोत का प्रतिबिम्ब बनाता है। जिससे धारा I उत्पन्न होती है। यदि लैंस को एक समान व्यास तथा $20$ सेमी. फोकस दूरी के दूसरे लैंस द्वारा बदल दिया जाता है। जब प्रकाश विद्युत धारा होगी :
$\frac{I}{2}$
$4$ $ I$
$2 \ \mathrm{I}$
$ I$
यदि एक अपरावर्तित तल, जिसका क्षेत्रफल $30 \;cm ^{2}$ है, पर $40$ मिनट तक $2.5 \times 10^{-6} \;N$ का औसत बल, प्रकाश तरंगों द्वारा आरोपित होता है, तो तल पर गिरने से पहले, प्रकाश का ऊर्जा फ्लक्स $\dots \;W / cm ^{2}$ होगा।
(निकटतम पूर्णांक में)
(यहाँ पूर्ण अवशोषण और अभिलम्बवत आपतन की स्थितियों को माना गया है।)
$300 \ nm$ तरंगदैध्र्य का पराबैंगनी प्रकाश जिसकी तीव्रता $1.0\ watt/m^2$ है, एक प्रकाश संवेदी पदार्थ पर आपतित होता है। यदि आपतित फोटॉनों का $1$ प्रतिशत प्रकाश इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है तो $1.0 \ cm^2$ क्षेत्रफल से उत्सर्जित प्रकाश इलेक्ट्रॉनों की संख्या लगभग होगी
प्रकाश विद्युत प्रभाव के प्रयोग में आपर्तित फोटॉन
$1.5 \times {10^{13}}Hz$ आवृत्ति वाले फोटॉन का संवेग होगा
किसी तत्व के नाभिक और परमाणु दोनों अपनीअपनी प्रथम उत्तेजित अवस्था में हैं। क्रमशः $\lambda_{ N }$ तथा $\lambda_{ A }$ तरंगदैर्ध्य के फोटॉनों को उत्सर्जित कर वह दोनों व्युत्तेजित होते हैं। अनुपात $\frac{\lambda_{ N }}{\lambda_{ A }}$ का निकट मान है