विराम में स्थित एक भारी नाभिक दो टुकड़ों में टूट जाता है। ये टुकड़े $8:1$ के वेग से गतिमान हो जाते हैं। तो टुकड़ों की त्रिज्याओं का अनुपात होगा
$1 : 2 $
$1 : 4$
$4 : 1 $
$2:1$
नीचे दो कथन दिये गये है: एक को अभिकथन $A$ तथा दूसरे को कारण $R$ से चिन्हित किया गया है। अभिकथन $A$ : द्रव्यमान संख्या $30$ से $170$ के बीच वाले नाभिकों के प्रति न्यूक्लियॉन बन्धन ऊर्जा आमतोर पर परमाणु संख्या पर निर्भर नहीं करता है। कारण $R$ : नाभिकीय बल सूक्ष्म परास के होते हैं। उपरोक्त कथनों के संदर्भ में, नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए।
दो न्यूक्लियॉन एक दूसरे से $1 \times {10^{ - 15}}$$m$ दूर है। यदि दोनों न्यूट्रॉन हों तो उनके मध्य बल ${F_1},$ यदि दोनों प्रोटॉन हों तो बल ${F_2}$ तथा यदि इनमें से एक प्रोटॉन तथा अन्य न्यूट्रॉन हो तो बल ${F_3}$ हो, तो इस स्थिति में
$64$ द्रव्यमान संख्या के एक पर परमाण्वीय नाभिक की त्रिज्या $4.8$ फर्मी है। तब $4 $फर्मी त्रिज्या के दूसरे नाभिक की द्रव्यमान संख्या $\frac{1000}{\mathrm{x}}$ है जहाँ $\mathrm{x}$. . . . . . . . . . .है।
किसी नाभिक की द्रव्यमान संख्या बराबर होती है
एक नाभिक की द्रव्यमान संख्या $A_1$ तथा आयतन $\mathrm{V}_1$ है। दूसरे नाभिक की द्रव्यमान संख्या $\mathrm{A}_2$ तथा आयतन $\mathrm{V}_2$ है। यदि द्रव्यमान संख्याओं में संबंध $\mathrm{A}_2=4 \mathrm{~A}_1$ हो तब $\frac{\mathrm{V}_2}{\mathrm{~V}_1}=$. . . . . . है।