अक्षीय और निरक्षीय स्थिति में एक ही स्थान पर दो छोटे चुम्बकों के कारण समान दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रताओं का अनुपात होता है
$1:1$
$2:3$
$2:1$
$3:2$
दो छोटे-छोटे छड़ चुम्बक एक रेखा में $d $ दूरी पर इस प्रकार रखे हैं कि उनके समान ध्रुव एक-दूसरे की ओर हैं । यदि प्रत्येक चुम्बक की लम्बाई $d $ के मुकाबले नगण्य हो, तो दोनों चुम्बकों के बीच बल निम्न के व्युत्क्रमानुपाती होगा
आरेख में दंड (छड़) चुम्बकों की व्यवस्थाओं के विन्यास दिये गये हैं। प्रत्येक चुम्बक का द्विध्रुव आघूर्ण $m$ है। किस विन्यास में नेट चुम्बकीय द्विधुव आघूर्ण का मान अधिकतम होगा ?
चित्र में $O$ बिंदु पर रखी गई एक छोटी चुंबकीय सुई $P$ दिखाई गई है। तीर इसके चुंबकीय आघूर्ण की दिशा दर्शाता है। अन्य तीर, दूसरी समरूप चुंबकीय सुई $Q$ की विभिन्न स्थितियों (एवं चुंबकीय आघूर्ण के दिकविन्यासों ) को प्रदर्शित करते हैं।
$(a)$ किस विन्यास में यह निकाय संतुलन में नहीं होगा?
$(b)$ किस विन्यास में निकाय $(i)$ स्थायी $(ii)$ अस्थायी संतुलन में होंगे?
$(c)$ दिखाए गए सभी विन्यासों में किसमें न्यूनतम स्थितिज ऊर्जा है?
चुम्बकत्व का अंत्य व्यैक्तक अनुभाग (Ultimate endividual unit) कहलाता है
एकसमान चुम्बकीय आघूर्ण $M$ वाले दो छोटे-छोटे दण्ड चुम्बक (चित्रानुसार) परस्पर लम्बवत् स्थित हैं। दोनों चुम्बकों के समकोण-अर्धक पर $d$ दूरी पर स्थित बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होगी