एक चुम्बकीय सुई को ऐंठनरहित धागे से क्षैतिजत: लटकाया गया है। यह प्रत्यानन बल आघूर्ण के कारण क्षैतिज तल में दोलन करता है। यह प्रत्यानन बल आघूर्ण मुख्यत: किससे उत्पन्न होता है
धागे के ऐंठन से
गुरुत्व से
भू-चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक से
उपरोक्त सभी
चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण है
$2$ सेमी लम्बी छड़ चुम्बक के अक्ष के लम्बवत्, विपरीत और उसके केन्द्र से $ x $ तथा $3x $ दूरियों पर दो बिन्दु $A$ व $B$ स्थित हैं $A$ व $B$ पर चुम्बकीय क्षेत्रों का अनुपात होगा, लगभग
एक दण्ड चुम्बक का केन्द्र $O$ और लम्बाई $4 $ सेमी है । बिन्दु $P_1$ निरक्षीय स्थिति में और बिन्दु $P_2$ अक्षीय स्थिति में इस प्रकार है कि $OP_1 = OP_2 = 10$ मीटर । $P_1$ और $P_2$ पर चुम्बकीय तीव्रता $H$ का अनुपात होगा
दो पृथक प्रयोगों में पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र में रखे छोटे चुम्बकों के उदासीन बिन्दु $r$ तथा $2r$ दूरी पर निरक्ष स्थिति में मिलते हैं। चुम्बकों के चुम्बकीय आघूर्णों का अनुपात है
चुम्बकीय विभव के लिये कुछ समविभवी सतहें निम्न चित्र में प्रदर्शित हैं। किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा