किसी वस्तु पर एक नियत परिमाण का बल आरोपित होता है जो हमेशा वस्तु के वेग के लम्बवत् होता है। वस्तु एक समतल में गति कर रही है इससे स्पष्ट है कि
वस्तु का वेग नियत रहता है
वस्तु का त्वरण नियत रहता है
वस्तु की गतिज-ऊर्जा नियत रहती है
वस्तु एक सरल रेखा में गति करती है
' $m$ ' द्रव्यमान का एक गुटका प्रारम्भ में स्थिर अवस्था में एक चिकने क्षैतिज तल पर रखा है। यह $\mathrm{F}=2 \mathrm{~N}$ के बल के अधीन गति प्रारंभ करता है। इसके रेखीय गति के प्रक्रम में, बल की दिशा एवं क्षेतिज के बीच का कोण $(\theta)$ (चित्र में दर्शाये अनुसार), $\theta=\mathrm{kx}$, के अनुसार परिवर्तित होता है, जहाँ $\mathrm{k}$ एक स्थिरांक है एवं $\mathrm{x}$ गुटके द्वारा चली गई इसकी प्रारंभिक स्थिति से दूरी है। गुटके की गतिज ऊर्जा का व्यंजक $\mathrm{E}=\frac{\mathrm{n}}{\mathrm{k}} \sin \theta$ होगा। $\mathrm{n}$ का मान है____________.
$1$ ग्राम व $4$ ग्राम के दो पिण्ड समान गतिज ऊर्जा से गति कर रहे हैं। इनके रेखीय संवेगों की निष्पत्ति होगी
$4\, m$ द्रव्यमान का एक पिण्ड (वस्तु) $x y-$ समतल पर विराम अवस्था में है। इसमें अचानक विस्फोट होने पर, इसके दो भाग (प्रत्येक का द्रव्यमान $m$ है ) एक ही वेग $v$ से एवं दूसरे की लम्बवत् दिशा में गति करने लगते हैं ; तो विस्फोट के कारण जनित कुल गतिज ऊर्जा का मान...............$mv^2$ होगा
$4$ किग्रा तथा $1$ किग्रा के दो पिण्ड समान गतिज ऊर्जाओं से गतिशील हैं, उनके रेखीय संवेगों के परिमाणों का अनुपात होगा
$m$ द्रव्यमान की एक वस्तु एक समान कोणीय वेग से वृत्तीय पथ पर घूम रही है। वस्तु की गति के दौरान नियत रहता है