एक स्थिर कण ${m_1}$ व ${m_2}$ द्रव्यमानों के दो कणों में विस्फोटित हो जाता है। ये द्रव्यमान विपरीत दिशाओं में ${v_1}$व ${v_2}$ की चाल से गतिमान हो जाते हैं। इनकी गतिज ऊर्जाओं का अनुपात ${E_1}/{E_2}$ है
${m_1}/{m_2}$
$1$
${m_1}{v_2}/{m_2}{v_1}$
${m_2}/{m_1}$
यदि किसी वस्तु का वेग इसके प्रारम्भिक वेग का दोगुना हो जाये, तो उसकी गतिज ऊर्जा होगी
$1$ ग्राम व $4$ ग्राम के दो पिण्ड समान गतिज ऊर्जा से गति कर रहे हैं। इनके रेखीय संवेगों की निष्पत्ति होगी
बिना तानित लम्बाई $l$ की एक कमानी से एक द्रव्यमान $m$ इस प्रकार है कि इसका एक सिरा एक दृढ़ आधार पर बँधा है। यह मानते हुये कि कमानी एक एकसमान तार से बनी है, इसमें गतिज ऊर्जा होगी यदि इसका स्वतन्त्र सिरा एकसमान वेग $v$ से खींचा जाए
$m$ द्रव्यमान व $l$ लम्बाई के एक सरल लोलक का गोलक क्षैतिज दिशा से छोड़ा जाता है। यह गोलक समान द्रव्यमान के पिण्ड, जो क्षैतिज चिकनी सतह पर रखा है, को प्रत्यास्थ टक्कर मारता है। पिण्ड की गतिज ऊर्जा होगी
यदि किसी गतिमान पिण्ड की गतिज ऊर्जा उसकी प्रारम्भिक गतिज ऊर्जा की चार गुनी हो जाती है, तब उसके संवेग में होने वाले परिवर्तन की प्रतिशतता है $\dots\;\%$ ।