द्रव्यमान $1\, mg$ और आवेश $q$ का कोई कण, एक दूसरे से $2\, m$ दूरी पर स्थित दो स्थिर आवेशों जिनमें प्रत्येक का आवेश $q$ है, के मध्यबिन्दु पर स्थित है। यदि मध्य बिन्दु स्थित कण मुक्त आवेश को अपनी साम्य स्थिति से किसी दूरी $'x'$ $( x \,<\,1 \,m )$ तक विस्थापित करे, तो यह कण सरल आवर्त गति करने लगता है। इसके दोलन की कोणीय आवत्ति $.........\,\times 10^{8}\, rad / s$ होगी यदि $q ^{2}=10 \,C ^{2}$ ।
$60$
$6$
$76$
$760$
दो आवेश वायु में एक-दूसरे से $d$ दूरी पर रखे हैं इनके बीच लगने वाला बल $F$ है। यदि इन्हें $2$ परावैद्युतांक वाले द्रव में डुबो दिया जाये (सभी स्थितियाँ समान रहें), तो अब इनके मध्य लगने वाला बल होगा
चित्र में दर्शाए अनुसार किसी समबाहु त्रिभुज के शीर्षो पर स्थित आवेशों $q, q,$ तथा $-q$ पर विचार कीजिए। प्रत्येक आवेश पर कितना बल लग रहा है?
एक $10 \mu \mathrm{C}$ आवेश दो भागों में विभाजित किया जाता है तथा $1 \mathrm{~cm}$ की दूरी पर रख दिया जाता है ताकि इसके बीच प्रतिकर्षण बल अधिकतम हो। दोनों भागों के आवेश है:
दो समरूप आवेशित गोले $A$ एवं $B$, जो एक-दूसरे से एक निश्चित दूरी से विस्थापित है, के बीच $F$ परिमाण का प्रतिकर्षण बल लगता है। समान आकार के एक तीसरे अनावेशित गोले $C$ को गोले $B$ के सम्पर्क में रखकर विलगित किया जाता है तथा इसे $A$ एवं $B$ के मध्यबिन्दु पर रखा जाता है। $C$ गोले पर लगे बल का परिमाण है
बिन्दु आवेश $ + 4q,\, - q$ एवं $ + 4q$ , $X - $अक्ष के बिन्दुओं $x = 0,\,x = a$ एवं $x = 2a$ पर रखे हैं, तो