$200$ ग्राम द्रव्यमान का एक कण सरल आवर्त गति कर रहा है। $80$ न्यूटन/मीटर बल नियतांक की स्प्रिंग द्वारा प्रत्यानन बल दिया जाता है। दोलनों का आवर्तकाल ..... सैकण्ड है
$0.31$
$0.15$
$0.05$
$0.02$
स्प्रिंग् नियतांक $K$ की एक स्प्रिंग् पर $m$ द्रव्यमान लटकाया गया है। अब स्प्रिंग् को दो बराबर भागों में काटकर किसी एक पर वही द्रव्यमान लटकाया जाता है, तो नया स्प्रिंग् नियतांक होगा
एक क्षैतिज कमानी से बँधा एक द्रव्यमान $M$, आयाम $A_{1}$ से सरल आवर्त गति कर रहा है। जब द्रव्यमान $M$ अपनी माध्य अवस्था से गुजर रहा है, तब एक छोटा द्रव्यमान $m$ इसके ऊपर रख दिया जाता है और अब दोनों आयाम $A_{2}$ से गति करते हैं। $\left(\frac{A_{1}}{A_{2}}\right)$ का अनुपात है:
एक स्प्रिंग् से कोई द्रव्यमान $m$ लटकाकर दोलन कराने पर आवर्तकाल $T$ है। स्प्रिंग् को अब दो बराबर भागों में विभक्त कर किसी एक भाग से वही द्रव्यमान लटकाने पर आवर्तकाल होगा
एक $5 \;kg$ का द्रव्यमान एक स्प्रिंग से जुडा है। चित्र में सरल आवर्त गति करते निकाय की स्थितिज ऊर्जा वक्र दिखाया गया है। $4$ मीटर लम्बाई के सरल लोलक तथा स्प्रिंग निकाय के आवर्त काल समान हैं। जिस ग्रह पर यह प्रयोग किया जाता है, वहाँ गुरूत्वीय त्वरण का मान क्या है ?
एक नगण्य द्रव्यमान की स्प्रिंग से $m$ द्रव्यमान को ऊध्र्वत: लटकाया गया है, यह निकाय $n$ आवृत्ति से दोलन करता है। निकाय की आवृत्ति क्या होगी यदि उसी स्प्रिंग से $4m$ द्रव्यमान लटका दिया जाए