किसी लोलक के गोलक की अपनी निम्नतम स्थिति में चाल $3\; m / s$ है। इस लोलक की लम्बाई $50\; cm$ है। जिस समय लोलक की लम्बाई ऊर्ध्वाधर से $60^{\circ}$ का कोण बनाती है, उस समय गोलक की चाल $\dots\;m / s$ होगी। $\left( g =10 \;m / s ^{2}\right)$
$1$
$20$
$40$
$2$
सरल लोलक की लम्बाई तथा उसके आवर्तकाल के बीच सही ग्राफ है
एक सरल लोलक को ट्रोली में रखा जाता है जोकि $a$ त्वरण से एक क्षैतिज सतह पर दायीं ओर गतिमान है तो मध्य स्थिति में लोलक का धागा ऊध्र्वाधर से कोण बनाता है
एक खोखले गोले को उसमें बने हुए एक छिद्र द्वारा पानी से भरा जाता है। तत्पश्चात् उसे एक लम्बे धागे द्वारा लटकाकर दोलायमान किया जाता है। जब तल में स्थित छिद्र से पानी धीरे-धीरे बाहर निकलता है, तो गोले का दोलनकाल
अचर लम्बाई के सरल लोलक का पृथ्वी की सतह पर आवर्तकाल $T$ है। इसका आवर्तकाल खदान के भीतर होगा
एक सरल लोलक को विषुवत रेखा पर ले जाने पर इसका दोलनकाल