एक पेण्डुलम वाली घड़ी $0°C$ पर सही समय देती है। इसका औसत रेखीय प्रसार गुणांक $\alpha /^\circ C$ है। यदि ताप में वृद्धि $t°C$ हो, तब प्रतिदिन घड़ी द्वारा सेकण्डों में कमी होगी

  • A

    $\frac{{\frac{1}{2}\alpha \,t \times 864000}}{{1 - \frac{{\alpha \,t}}{2}}}$

  • B

    $\frac{1}{2}\alpha \,t \times \,86400$

  • C

    $\frac{{\frac{1}{2}\alpha \,t \times 86400}}{{{{\left( {1 - \,\frac{{\alpha \,t}}{2}} \right)}^2}}}$

  • D

    $\frac{{\frac{1}{2}\alpha \,t \times 86400}}{{1 + \frac{{\alpha \,t}}{2}}}$

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$50\, cm$ लंबी तथा $3.0\, mm$ व्यास की किसी पीतल की छड़ को उसी लंबाई तथा व्यास की किसी स्टील की छड़ से जोड़ा गया है। यदि ये मूल लंबाइयाँ $40^{\circ} C$ पर हैं, तो $250^{\circ} C$ पर संयुक्त छड़ की लंबाई में क्या परिवर्तन होगा? क्या स्संधि पर कोई तापीय प्रतिबल उत्पन्न होगा? छड़ के सिरों को प्रसार के लिए मुक्त रखा गया है। (ताँबे तथा स्टील के रेखीय प्रसार गुणांक क्रमश: $=2.0 \times 10^{-5} \;K ^{-1},$ स्टील $=1.2 \times 10^{-5}\; K ^{-1} J$ हैं।)

एक $L_0$ लम्बाई की बेलनाकार घात्विक छड़ को एक वलय के रूप में थोड़े से गेप के साथ मोड़ा गया है। इसको गर्म करने पर

यह दर्शाइए कि किसी ठोस की आयताकार शीट का क्षेत्र प्रसार गुणांक, $(\triangle A / A) / \Delta T$. इसके रैखिक प्रसार गुणांक $\alpha_l$, का दो गुना होता है।

समान लंबाई परन्तु अलग-अलग त्रिज्याओं वाले दो बेलनाकार चालक (cylindrical conductors) श्रेणीक्रम में (in series) दो ऊष्माशयों (heat baths) के बीच में जोड़े गए हैं, जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। इन ऊष्माशयओं का तापमान $T_1=300 \ K$ और $T_2=100 \ K$ हैं। बडेे चालक की त्रिज्या छोटे चालक की त्रिज्या की दोगुनी है। छोटे चालक की ऊष्मा चालकता (thermal conductivity) $K_1$ है और बड़े चालक की ऊष्मा चालकता $K_2$ है। यदि स्थायी अवस्था (steady state) में, बेलनों के संधि (junction) का तापमान $2000 \ K$ हो, तब $K_1 / K_2$ का मान .............. होगा।

  • [IIT 2018]

एक झील की जल सतह का ताप $2°C$ है। झील की तली का ताप ........ $^oC$ होगा