एक फोटॉन, एक इलेक्ट्रॉन और एक यूरेनियम नाभिक सभी की समान तरंगदैध्र्य है इनमें से सबसे अधिक ऊर्जा होगी
फोटॉन की
इलेक्ट्रॉन की
यूरेनियम नाभिक की
तरंगदैध्र्य और कणों के गुण पर निर्भर करेगा
कोई छोटी वस्तु जो कि विश्राम अवस्था में है, ये $20 \mathrm{~mW}$ शक्ति वाली प्रकाश स्पन्द को $300 \mathrm{~ns}$ के समयान्तराल तक अवशोषित करती है। माना प्रकाश की चाल $3.6 \times 10^6 \mathrm{~m} / \mathrm{s}$ है, वस्तु का संवेग $........\times 10^{-17} kg\,m / s$हो जाएगा :
यदि मुक्त आकाश में प्रकाश का वेग $c$ है, फोटान के लिए निम्नलिखित में सही कथन है:
$A$. फोटान की ऊर्जा $E=h v$ है।
$B$. फोटान का वेग $c$ है।
$C$. फोटान का संवेग $p=\frac{h v}{c}$ है।
$D$. फोटान-इलैक्ट्रान संघट्ट में, दोनों कुल ऊर्जा व कुल संवेग संरक्षित रहते हैं।
$E$. फोटान पर धनात्मक आवेश होता है।
निम्नलिखित विकल्पों से सही उत्तर चुनिए:
किसी अर्द्धगोलाकार सतह के वक्रता केन्द्र पर प्रकाश का एक बिंदु स्त्रोत रखा हुआ है। यह स्त्रोत $24 \mathrm{~W}$ की शक्ति उत्सर्जित करता है। अर्द्धगोलीय वक्र की वक्रता त्रिज्या $10 \mathrm{~cm}$ है एवं उसकी आंतरिक सतह पूर्णतः परावर्ती है। अर्द्धगोले पर, गिरने वाले प्रकाश के कारण आरोपित बल का मान $\times 10^{-8} \mathrm{~N}$ है।
धातु का कार्य फलन होता है
जब $I$ तीव्रता के एकवर्णी विकिरण, किसी धातु की सतह पर टकराते हैं तो, फोटॉनों की संख्या और उनकी अधिकतम गतिज ऊर्जा क्रमश : $N$ और $T$ है। यदि विकिरणों की तीव्रता $2 I$ हो तो उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की संख्या और उनकी अधिकतम गतिज ऊर्जा क्रमशः होंगे