फोटोनों की दो धाराएँ, जिनकी ऊर्जाएँ, धातु के कार्यफलन की क्रमशः पाँच गुना एवं दस गुना हैं, उस धातु के तल पर आपतित होती हैं। दोनों परिस्थितियों में क्रमशः उत्सर्जित होने वाले फोटो इलेक्ट्रॉनों के अधिकतम वेगों का अनुपात होगा
$1: 2$
$1: 3$
$2: 3$
$3: 2$
धातु का कार्य फलन होता है
किसी तत्व के नाभिक और परमाणु दोनों अपनीअपनी प्रथम उत्तेजित अवस्था में हैं। क्रमशः $\lambda_{ N }$ तथा $\lambda_{ A }$ तरंगदैर्ध्य के फोटॉनों को उत्सर्जित कर वह दोनों व्युत्तेजित होते हैं। अनुपात $\frac{\lambda_{ N }}{\lambda_{ A }}$ का निकट मान है
$632.8\, nm$ तरंगदैर्ध्य का एकवर्णी प्रकाश एक हीलियम-नियॉन लेसर के द्वारा उत्पन्न किया जाता है। उत्सर्जित शक्ति $9.42\, mW$ है।
$(a)$ प्रकाश के किरण-पुंज में प्रत्येक फ़ोटॉन की ऊर्जा तथा संवेग प्राप्त कीजिए,
$(b)$ इस किरण-पुंज के द्वारा विकिरित किसी लक्ष्य पर औसतन कितने फ़ोटॉन प्रति सेकंड पहुँचेंगे? ( यह मान लीजिए कि किरण-पुंज की अनुप्रस्थ काट एकसमान है जो लक्ष्य के क्षेत्रफल से कम है ), तथा
$(c)$ एक हाइड्रोजन परमाणु को फ़ोटॉन के बराबर संवेग प्राप्त करने के लिए कितनी तेज़ चाल से चलना होगा?
एक पदार्थ का कार्यफलन $3.0 \mathrm{eV}$ है। इस पदार्थ से प्रकाश इलेक्ट्रॉनों के उत्सर्जन के लिए आवश्यक अधिकतम तरंगदैर्ध्य लगभग है।
निम्न में से कौन सा प्रभाव $X$-किरण वर्णक्रम के निरंतर (continuous) भाग के लिए उत्तरदायी है?