$25\, GHz$ आवृत्ति की एक समतल विधुत-चुम्बकीय तरंग निर्वात में $z$ - दिशा में चल रही है। यदि किसी एक समय पर एक स्थान तरंग का चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }=5 \times 10^{-8} \hat{ j } T$ हो तो वहाँ पर उस समय विधुत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }$ होगाः (प्रकाश की गति $c =3 \times 10^{8} \, ms ^{-1}$ )
$1.66 \times 10^{-16} \hat{\mathrm{i}} \;\mathrm{V} / \mathrm{m}$
$15 \hat{\mathrm{i}}\; \mathrm{V} / \mathrm{m}$
$-1.66 \times 10^{-16} \hat{i} \;\mathrm{V} / \mathrm{m}$
$-15 \hat{\mathrm{i}}\; \mathrm{V} / \mathrm{m}$
निर्वात् में विद्युत-चुम्बकीय तरंग का वेग होता है
एक समतल वैद्युत चुम्बकीय तरंग में समाहित दोलनीकृत चुम्बकीय क्षेत्र $B _{ y }=5 \times 10^{-6} \sin 1000 \pi\left(5 x -4 \times 10^8 t \right) T$ द्वारा निरूपित है। विद्युत क्षेत्र का आयाम होगा।
विद्युत चुम्बकीय तरंगें गमन करती हैं
समतल वैद्युत चुम्बकीय तरंग के लिए $\mathrm{E}=\mathrm{E}_0 \sin (\omega \mathrm{t}-\mathrm{kx})$ एवं $\mathrm{B}=\mathrm{B}_0 \sin (\omega \mathrm{t}-\mathrm{kx})$ हैं, औसत विद्युत ऊर्जा घनत्व तथा औसत चुम्बकीय ऊर्जा घनत्व का अनुपात है:
$5\, GHz$ आवत्ति की कोई विधुत चुम्बकीय तरंग उस माध्यम में गमन कर रही है जिसका आपेक्षिक विधुत परावैधुतांक और चुम्बकीय पारगम्यता दोनों ही $2$ है। इस माध्यम में इस तरंग का वेग $.........\times 10^{7} \,m / s$ है ।