विद्युत-चुम्बकीय दोलनों में संचित ऊर्जा किस रूप में होती है
विद्युतीय ऊर्जा
चुम्बकीय ऊर्जा
$(a) $ एवं $(b) $ दोनों
उपरोक्त में से कोई नहीं
किसी एकवर्णीय विकिरण के वैद्युत क्षेत्र घटक को निम्न प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है
$\overrightarrow{ E }=2 E _{0} \;\hat{i} \;\cos\; k z \;\cos \omega t$
उसके चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }$ का मान होगा
यदि किसी विद्युतचुम्बकीय तरंग की आवृत्ति $60 \mathrm{MHz}$ है तथा यह वायु में $\mathrm{z}$-अक्ष की धनात्मक दिशा के अनुदिश संचरित होती है तब इसके संगत वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र एक दूसरे के परस्पर लम्बवत है। तरंगदैर्ध्य (मीटर में) है :
एक वैद्युतचुंबकीय तरंग के लिए किसी क्षण एक निश्चित स्थान पर, विद्युत क्षैत्र ऋणात्मक $\mathrm{z}$-अक्ष के अनुदिश तथा चुम्बकीय क्षेत्र धनात्मक $\mathrm{x}$-अक्ष के अनुदिश है। तब वैधुतचुंबकीय तरंग के संचरण की दिशा है:
समतल वैद्युत चुम्बकीय तरंग के लिए $\mathrm{E}=\mathrm{E}_0 \sin (\omega \mathrm{t}-\mathrm{kx})$ एवं $\mathrm{B}=\mathrm{B}_0 \sin (\omega \mathrm{t}-\mathrm{kx})$ हैं, औसत विद्युत ऊर्जा घनत्व तथा औसत चुम्बकीय ऊर्जा घनत्व का अनुपात है:
एक $I$ तीव्रता वाली विद्युत चुम्बकीय तरंग द्वारा परावर्तन न करने वाली सतह पर आरोपित दाब होगा [$c =$ प्रकाश का वेग]