एक रेडियोसक्रिय नाभिक (प्रारंभिक द्रव्यमान संख्या $A$ तथा परमाणु क्रमांक $Z)$ $3 \alpha -$कण और $2$ पॉजिट्रॉन उत्सर्जित करता है। परिणामी नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या का प्रोट्रॉनों की संख्या से अनुपात होगा
$\frac{{A - Z - 4}}{{Z - 2}}$
$\frac{{A - Z - 8}}{{Z - 4}}$
$\frac{{A - Z - 4}}{{Z - 8}}$
$\frac{{A - Z - 12}}{{Z - 4}}$
किसी रेडियोएक्टिव समस्थानिक $'X'$ की अर्ध आयु $50$ वर्ष है। इसके क्षय होने से तत्व $'Y'$ बनता है जो स्थायी है। किसी चट्टान के निदर्श ( सेम्पल) में $'X'$ और $'Y'$ तत्वों का अनुपात $1: 15$ पाया गया तो चट्टान की आयु का आकलन किया गया है: (वर्ष में)
एक रेडियोसक्रिय पदार्थ की अर्द्धआयु $3.6$ दिन है $36$ दिन बाद इस पदार्थ के $20\, mg$ मात्रा में से कितना ............ $mg$ शेष बचेगा
वह कण जिसकी घूर्णन संख्या $(Integral\, spin)$ आधी $(1/2)$ है
किसी रेडियोएक्टिव पदार्थ के $\lambda $ व अर्द्ध-आयु $({T_{1/2}})$ में सम्बन्ध है
एक रेडियोधर्मी नमूने में, एक परमाणु की इकाई समय में विघटन की प्रायिकता क्षय नियतांक ($\lambda $) कहलाती है तब