किसी रेडियोएक्टिव पदार्थ के $\lambda $ व अर्द्ध-आयु $({T_{1/2}})$ में सम्बन्ध है
$\left(\lambda+ T _{1 / 2}\right)=\frac{ln }{2}$
$T _{1 / 2}=\frac{ln2}{\lambda}$
$T _{1 / 2}\; ln 2=\lambda$
$T _{1 / 2}=\frac{1}{\lambda}$
$100$ नाभिक प्रति सैकिण्ड की स्थिर दर से क्षयस्थिराँक $0.5 / s$ वाले रेडियोसक्रिय नाभिक उत्पन्न हो रहे हैं। यदि $t=0$ पर एक भी नामिक उपस्थित नहीं था, तब $50$ नाभिक उत्पन्न होने में लगा समय है
रेडियोधर्मिता होती है
जीवित कार्बनयुक्त द्रव्य की सामान्य ऐक्टिवता, प्रति ग्राम कार्बन के लिए $15$ क्षय प्रति मिनट है। यह ऐक्टिवता, स्थायी समस्थानिक $_{6}^{14} C$ के साथ-साथ अल्प मात्रा में विद्यमान रेडियोऐक्टिव $_{6}^{12} C$ के कारण होती है। जीव की मृत्यु होने पर वायुमंडल के साथ इसकी अन्योन्य क्रिया ( जो उपरोक्त संतुलित ऐक्टिवता को बनाए रखती है ) समाप्त हो जाती है, तथा इसकी ऐक्टिवता कम होनी शुरू हो जाती है। $_{6}^{14} C$ की ज्ञात अर्धायु ( $5730$ वर्ष ) और नमूने की मापी गई ऐक्टिवता के आधार पर इसकी सन्निक आयु की गणना की जा सकती है। यही पुरातत्व विज्ञान में प्रयुक्त होने वाली $_{6}^{14} C$ कालनिर्धारण (dating) पद्धति का सिद्धांत है। यह मानकर कि मोहनजोदड़ो से प्राप्त किसी नमूने की ऐक्टिवता $9$ क्षय प्रति मिनट प्रति ग्राम कार्बन है। सिंधु घाटी सभ्यता की सन्नकट आयु का आकलन कीजिए।
किसी रेडियोधर्मी पदार्थ के प्रतिदर्श की सक्रियता समय ${t_1}$ पर ${A_1}$ तथा समय ${t_2}$$({t_2} > {t_1})$ पर ${A_2}$ है। यदि इसकी औसत आयु $T$ हो तो
रेडियोधर्मिता के संदर्भ में निम्न में से कौनसा कथन सत्य है
$(I)$ सभी रेडियोधर्मी तत्व समय के साथ चरघातांकी रूप से क्षय होते हैं
$(II)$ किसी रेडियोधर्मी तत्व का अर्द्ध-आयुकाल वह समय होता है जो कि रेडियोधर्मी परमाणु को आधा क्षय होने में लगता है
$(III)$ पृथ्वी की आयु रेडियोधर्मी डेटिंग की सहायता से ज्ञात की जा सकती है
$(IV)$ किसी रेडियोधर्मी तत्व का अर्द्धआयुकाल इसके औसत आयुकाल का $50\%$ होता है
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए