$10 \,cm$ भुजा वाले एक सम-षट्भुज के प्रत्येक शीर्ष पर $5\, \mu C$ का आवेश है। षट्भुज के केंद्र पर विभव परिकलित कीजिए।
$9.2 \times 10^{6} \;V$
$7.4 \times 10^{5} \;V$
$4.2 \times 10^{5} \;V$
$2.7 \times 10^{6} \;V$
दो गोले $A$ व $B$ जिनकी त्रिज्याऐं क्रमश: $a$ तथा $b$ हों, समान विभव पर है। $A$ व $B$ पर पृष्ठीय आवेश घनत्वों का अनुपात है
छह आवेशों को एक नियमित षट्भुज (hexagon) जिसकी भुजा की लम्बाई $a$ है, के परितः (around) रखा गया है, जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। उनमें से पांच का आवेश $q$, तथा बचे हुए एक आवेश $x$ है। प्रत्येक आवेश से षट्भुज की समीपतम भुजा पर डाला गया लम्बवत षट्भुज के केंद्र $O$ से गुजरता है तथा उस भुजा के द्वारा द्विभाजित (bisect) होता है।
निम्न में से कौन सा (से) कथन SI मानक में सही है (हैं)?
$(A)$ जब $x=q$, $O$ पर विधुत क्षेत्र (electrical field) का परिमाण शून्य है।
$(B)$ जब $x=-q, O$ पर विधुत क्षेत्र का परिमाण $\frac{q}{6 \pi \epsilon_0 a^2}$ है।
$(C)$ जब $x=2 q$, $O$ पर विभव (potential) $\frac{7 q}{4 \sqrt{3} \pi \epsilon_0 a}$ है।
$(D)$ जब $x=-3 q$, $O$ पर विभव $-\frac{3 q}{4 \sqrt{3} \pi \epsilon_0 a}$ है ।
आवेश $Q$ वाले एक ठोस चालकीय गोले को एक अनावेशित चालकीय खोखले गोलीय कवच से घेरा गया है। ठोस गोले के पृष्ठ और खोखले कवच के बाह्म पृष्ठ के बीच विभवान्तर $V$ है। यदि कवच को अब एक आवेश $-4 Q$ दिया जाता है, तब उन्ही दोनों पृष्ठों के बीच नया विभवान्तर ........$V$ होगा।
यदि आठ एकसमान आवेशित बूँदों से मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी जाये तो एक छोटी बूँद की तुलना में बड़ी बूँद का विभव होगा
धातुओं के बने हुए दो गोलाकार समकेन्द्रीय खोलों की त्रिज्या $R$ और $4 R$ है तथा इन पर क्रमश: $Q _{1}$ और $Q _{2}$ आवेश हैं। यदि दोनों खोलों पर सतहीय आवेश घनत्व (surface charge density) समान हो तो विभवान्तर $V ( R )- V (4 R )$ का मान है :