रेखीय प्रसार गुणांक $\alpha {/^o}C$ वाली धातु से बनी लम्बाई $L$ तथा एक समान अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल $A$ की एक छड़ को कक्ष तापमान पर रखा गया है। जब एक बाह्य संदाबी बल $F$ को इसके प्रत्येक सिरों पर लगाते है, तो $\Delta T K$ तापमान वृद्धि होने पर, छड़ की लम्बाई में कोई परिवर्तन नहीं पाया जाता है। इस धातु का यंग प्रत्यास्थता गुणांक, $Y$ होगा :

  • [JEE MAIN 2019]
  • A

    $\frac{F}{{A\alpha \,\Delta T}}$

  • B

    $\frac{F}{{A\alpha \,\left( {\Delta T - 273} \right)}}$

  • C

    $\frac{F}{{2A\,\alpha \,\Delta T}}$

  • D

    $\frac{2F}{{A\,\alpha \,\Delta T}}$

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तार की लम्बाईयाँ $\ell_1$ एवं $\ell_2$ हो जाती हैं, जब इस पर क्रमशः $100 \mathrm{~N}$ एवं $120 \mathrm{~N}$ तन्यता आरोपित की जाती है। यदि $10 \ell_2=11 \ell_1$, तो तार की वास्तविक लम्बाई $\frac{1}{\mathrm{x}} \ell_1$ होगी। यहाँ $\mathrm{x}$ का मान___________है।

  • [JEE MAIN 2023]

एक $20\,kg$ द्रव्यमान, $0.4\,m ^2$ अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल एवं $20\,m$ लम्बाई की एक समान भारी छड़ किसी स्थिर आधार से लटक रही है। पार्श्व संकुचन को नगण्य मानने पर, अपने भार के कारण छड़ का प्रसार $x \times 10^{-9} m$ होता है। $x$ का मान $........$ है: (दिया है, यंग प्रत्यास्थता गुणांक $Y =2 \times 10^{11} Nm ^{-2}$ तथा $\left.g =10 ms ^{-2}\right)$

  • [JEE MAIN 2022]

दो विभि पदार्थों वाली छड़ों के रेखीय प्रसार गुणांक $\alpha$$‌_1$ व $\alpha$$_2$ तथा यंग गुणांक क्रमश: ${Y_1} व {Y_2}$ हैं, इन्हें दो दृढ़ स्थिर दीवारों के बीच कसा गया हैं। छड़ों को इस प्रकार गर्म किया जाता है कि प्रत्येक के ताप में समान वृद्धि होती है। छड़ें झुकती नहीं हैं। यदि ${\alpha _1}:{\alpha _2} = 2:3 $ एवं छड़ों के तापीय प्रतिबल बराबर हैं तो ${Y_1}:{Y_2}$ का मान होगा  

  • [IIT 1989]

$1\,cm ^2$ अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल वाले तार की लम्बाई को खींचकर दोगुना करने के लिए आवश्यक बल $........\times 10^{7}\,N$ होगा : (दिया है, तार का यंग गुणांक $=2 \times 10^{11}\,N / m ^2$ )

  • [JEE MAIN 2022]

मृदु इस्पात के चार समरूप खोखले बेलनाकार स्तम्भ $50.000\, kg$ द्रव्यमान के किसी बड़े ढाँचे को आधार दिये हुए हैं। प्रत्येक स्तम्भ की भीतरी तथा बाहरी त्रिज्याएँ क्रमशः $30$ तथा $60\, cm$ हैं। भार वितरण को एकसमान मानते हुए प्रत्येक स्तम्भ की संपीडन विकृति की गणना कीजिये।