एक रेडियोसक्रिय नाभिक $A$, एक अन्य नाभिक $B$ में विघटित होता है जो एक और अन्य स्थित नाभिक $C$ में विघटित होता है। वह आरेख जो समय के साथ नाभिक $B$ के परमाणुओं की संख्या में समय के साथ परिवर्तन दर्शाता है।
(मान लीजिए कि $t =0$, पर सेंपल में कोई भी $B$ परमाणु नहीं है)
दो रेडियोधर्मी पदार्थो ${X_1}$ तथा ${X_2}$ के क्षय नियतांक क्रमश: $10\lambda $ तथा $\lambda $ हैं। यदि प्रारम्भ में उनमें समान संख्या में नाभिक हों तो $\frac{1}{e}$ समय पश्चात् ${X_1}$ तथा ${X_2}$ में उपस्थित नाभिकों का अनुपात होगा
एक नमूने में प्रारम्भ में युरेनियम का केवल $U-238$ समस्थानिक (isotope) है। समय के साथ कुछ $U-238$ के नाभिकीय क्षय के फलस्वरूप $Pb -206$ बनता है और $U-238$ की कुछ मात्रा अविघटित रह जाती है। नमूने की आयु $P \times 10^8$ वर्ष होने पर, उसमें $Pb -206$ और $U -238$ के भार का अनुपात 7 पाया गया। $P$ का मान ........... है।
[दिया है: $U-238$ की अर्ध आयु $4.5 \times 10^9$ वर्ष है; $\log _e 2=0.693$ ]
किसी रेडियोधर्मी पदार्थ के प्रतिदर्श की सक्रियता समय ${t_1}$ पर ${A_1}$ तथा समय ${t_2}$$({t_2} > {t_1})$ पर ${A_2}$ है। यदि इसकी औसत आयु $T$ हो तो
प्रारम्भ में ($t = 0$) पर रेडियोधर्मी तत्व के प्रतिदर्श का द्रव्यमान $10\,gm$ है। दो औसत आयु बाद इस तत्व के प्रतिदर्श का द्रव्यमान लगभग ...........$gm$ होगा
कॉलम-$I$ में दी गयी नाभिकीय प्रक्रियाओं का कॉलम-$II$ में दिये गये विकल्प/विकल्पों से उचित मिलान कीजिए।
कॉलम $I$ | कॉलम $II$ |
$(A.)$ नाभिकीय संलयन | $(P.)$ ऊप्मीय न्यूट्रॉनों का ${ }_{92}^{235} U$ द्वारा अवशोपण |
$(B.)$नाभिकीय संयंत्र में विखण्डन | $(Q.)$ ${ }_{27}^{60} Co$ नाभिक |
$(C.)$ $\beta$-क्षय | $(R.)$ तारों में हाइड्रोजन का हीलियम में परिवर्तन द्वारा ऊर्जा उत्पादन |
$(D.)$ $\gamma$-किरण उत्सर्जन | $(S.)$ भारी जल |
$(T.)$ न्यूट्रिनों उत्सर्जन |