$T=0^{\circ} C$ पर एक सरल-लोलक, जो कि $m$ द्रव्यमान के गोलक और द्रव्यमान रहित धातु के तार से निर्मित है, का आवर्त्त-काल $2 \;s$ है। अगर तार के तापमान को बढ़ाने से, आवर्त्त-काल में हुई वृद्धि को ग्राफ द्वारा दर्शाया जाये, तो परिणामी ग्राफ की ढाल-माप (slope) $S$ है। यदि तार का रैखिक-प्रसार गुणांक $\alpha$ है तो $S$ का मान होगा
$\frac {\alpha }{2}$
$2\alpha $
$\alpha $
$\frac {1}{\alpha }$
कोई लोहार किसी बैलगाड़ी के लकड़ी के पहिए की नेमी पर लोहे की रिंग जड़ता है। $27^{\circ} C$ पर नेमी तथा लोहे की रिंग के व्यास क्रमश: $5.243\, m$ तथा $5.231\, m$ हैं। लोहे की रिंग को किस ताप ($^oC$) तक तप्त किया जाए कि वह पहिए की नेमी पर ठीक बैठ जाए।
ताँबे की चादर में एक छिद्र किया गया है। $27.0^{\circ}\, C$ पर छिद्र का व्यास $4.24\, cm$ है। इस धातु की चादर को $227^{\circ} C$ तक तप्त करने पर छिद्र के व्यास में क्या परिवर्तन होगा? ताँबे का रेखीय प्रसार गुणांक $=1.70 \times 10^{-5}\; K ^{-1}$
एक $L_0$ लम्बाई की बेलनाकार घात्विक छड़ को एक वलय के रूप में थोड़े से गेप के साथ मोड़ा गया है। इसको गर्म करने पर
$0.5 \times 10^{11} \mathrm{~N} \mathrm{~m}^{-2}$ यंग प्रत्यास्थता गुणांक तथा $10^{-5}{ }^{\circ} \mathrm{C}^{-1}$ रेखीय ऊष्मीय प्रसार गुणांक की $1$ मी लम्बी व $10^{-3} \mathrm{~m}^2$ अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल की एक धात्विक छड़ को $0^{\circ} \mathrm{C}$ से $100^{\circ} \mathrm{C}$ तक बिना विस्तार या मोड़ के गर्म किया जाता है। इसमें उत्पन्न संपीडित बल है:
$5 \;m$ लम्बाई तथा $40 \;cm ^{2}$ अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल की एक स्टील की पटरी का लम्बाई के अनुदिश विस्तारण रोका जाता है जबकि उसका तापमान $10^{\circ} C$ बढ़ाया जाता है। यदि स्टील का रेखीय प्रसार गुणांक तथा यंग प्रत्यास्थता गुणांक क्रमश: $1.2 \times 10^{-5} \;K ^{-1}$ तथा $2 \times 10^{11} \;Nm ^{-2}$ हैं तो पटरी में उत्पत्र बल का निकटतम मान होगा