$100 \mathrm{~cm}$ लम्बाई व $250 \mathrm{~g}$ द्रव्यमान के गोलक के साथ एक सरल लोलक $10 \mathrm{~cm}$ आयाम की सरल आवर्त गति करता है। डोरी में अधिकतम तनाव $\frac{x}{40} N$ प्राप्त होता है। $\mathrm{x}$ का मान _______________है।
$98$
$97$
$99$
$100$
एक सरल दोलक एक गुटके से जुड़ा है जो $A B C$ की ढलान सतह पर बिना घर्षण के सरकता है। ढलान कोण $\alpha$ है। जब गुटका नीचे सरक रहा है तब दोलक इस प्रकार दोलन करता है कि अपनी औसत-स्थिति (mean position) पर रस्सी की दिशा
नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
$(a)$ किसी कण की सरल आवर्त गति के आवर्तकाल का मान उस कण के द्रव्यमान तथा बल-स्थिरांक पर निर्भर करता है : $T=2 \pi \sqrt{\frac{m}{k}}$ । कोई सरल लोलक सन्निकट सरल आवर्त गति करता है । तब फिर किसी लोलक का आवर्तकाल लोलक के द्रव्यमान पर निर्भर क्यों नहीं करता ?
$(b)$ किसी सरल लोलक की गति छोटे कोण के सभी दोलनों के लिए सन्निक सरल आवर्त गति होती है । बड़े कोणों के दोलनों के लिए एक अधिक गूढ़ विश्लेषण यह दर्शाता है कि $T$ का मान $2 \pi \sqrt{\frac{l}{g}}$ से अधिक होता है । इस परिणाम को समझने के लिए किसी गुणात्मक कारण का चिंतन कीजिए |
$(c)$ कोई व्यक्ति कलाई घड़ी बाँधे किसी मीनार की चोटी से गिरता है । क्या मुक्त रूप से गिरते समय उसकी घड़ी यथार्थ समय बताती है ?
$(d)$ गुरुत्व बल के अंतर्गत मुक्त रूप से गिरते किसी केबिन में लगे सरल लोलक के दोलन की आवृत्ति क्या होती है ?
एक लोलक को $250\,cm$ लम्बी रस्सी से लटकाया जाता है। लोलक के गोलक का द्रव्यमान $200\,g$ है। लोलक को रस्सी के ऊर्ध्वाधर से $60^{\circ}$ पर होने तक खींचा जाता है। गोलक को छोड़ने के पश्चात् गोलक द्वारा प्राप्त अधिकतम वेग होगा।: $\left( g =10\,m / s ^2\right)$
एक सैकण्डी लोलक को कृत्रिम उपग्रह की प्रयोगशाला में लटकाया गया है। यह उपग्रह पृथ्वी तल से $3R$ की ऊँचाई पर उड़ रहा है। यहाँ पर $R$ पृथ्वी की त्रिज्या है। इस लोलक का आवर्तकाल होगा
“एक सरल लोलक सरल आवर्त गति कर रहा है” इसको प्रदर्शित करने के लिए यह मानना आवश्यक है। कि