एक सूक्ष्म गोला जिस पर आवेश ‘$q$ ’ है, इसे दो समान्तर प्लेटों के मध्य $L$ लंबाई की डोरी से चित्रानुसार लटकाया गया है। पेण्डुलम का आवर्तकाल ${T_0}$ है। जब समान्तर प्लटों को आवेशित कर दिया जाये तो आवर्तकाल $T$ हो जाता है। $T/{T_0}$ अनुपात होगा
${\left( {\frac{{g + \frac{{qE}}{m}}}{g}} \right)^{1/2}}$
${\left( {\frac{g}{{g + \frac{{qE}}{m}}}} \right)^{3/2}}$
${\left( {\frac{g}{{g + \frac{{qE}}{m}}}} \right)^{1/2}}$
None of these
समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता निर्भर करती है
एक गोलाकार संधारित्र की धारिता $1\,\mu F$ है। यदि इसके दोनों गोलों के मध्य की दूरी $1\,mm$ है, तो बाह्य गोले की त्रिज्या होगी
किसी वस्तु पर आवेश तथा विभव का अनुपात कहलाता है
दो एकसमान आवेशित गोलाकार बूँदे मिलकर एक बड़ी बूदी बनाती हैं। यदि प्रत्येक बूँद की धारिता $C$ है तो बड़ी बूँद की धारिता
एक गोलीय संधारित्र में बाहरी गोले की त्रिज्या $R$ है। बाहरी और भीतरी गोलों की त्रिज्याओं का अन्तर $x$ है, तो उसकी धारिता समानुपाती है