गरम करने पर ठोस फैलता है क्योंकि
ठोस में परमाणुओं की साम्य स्थितियों के सापेक्ष, परमाणुओं के बीच की पारस्परिक क्रिया से संबद्ध स्थितिज ऊर्जा असममित (asymmetric) होती है।
परमाणुओंकी दोलन आवृति बढ़ जाती है।
गरम करने पर ठोस के दोनों छोरों पर ताप प्रवणता (gradient) उत्पन्न हो जाती है।
गरम होते समय कैलोरिक नामक द्रव्य परमाणुओं के बीच के जगह को भर देता है जिसकी वजह से ठोस फैलता है।
एक ही पदार्थ तथा समान व्यास वाले दो तारों जिनकी लम्बाई $l$ तथा $2l $ है, प्रत्येक में $F$ बल लगाया जाता है। तारों में किये गये कार्य का अनुपात होगा
$Y$ यंग प्रत्यास्थता, $L$ लंबाई एवं $A$ अनुप्रस्थ परिच्छेद के एक ढीले तार का एक सिरा एक हढ़ दीवार से बंधा है। तार का दूसरा सिरा $m$ द्रव्यमान के एक गुटके से बंधा है जो चिकने क्षैतिज तल पर रखा हुआ है। गुटके को $v$ चाल से गति प्रदान की जाती है। तार के सीधे हो जाने के पश्चात गुटका रुकने से पहले कितनी दूरी चल पाएगा।
निम्नलिखित में से प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा घनत्व के लिए सही सम्बन्ध है
उध्र्वाधर रूप से लटके किसी तार के एक सिरे को $200\, N$ के भार से खींचा जाता है। यह भार तार को $1$ मिलीमीटर तक खींचता है। तार में संचित प्रत्यास्थ ऊर्जा ....... $J$ होगी
$y$ प्रत्यास्थता गुणांक वाले एक तार में $x$ रेखीय विकृति पैदा की जाती है, तो इस तार के पदार्थ के एकांक आयतन में संचित प्रत्यास्थ ऊर्जा है