जब किसी पिण्ड में प्रत्यास्थता की सीमा के भीतर विकृति उत्पन्न होती है, तो उसकी आन्तरिक ऊर्जा
स्थिर रहती है
घटती है
बढ़ती है
उपरोक्त में से कोई नहीं
अंतरपरमाण्विक दूरी में वृद्धि के कारण
तार $A$ एवं $B$ समान पदार्थ से बने हैं। $A$ का व्यास $B$ से दोगुना एवं लम्बाई तीन गुनी है। यदि दोनों तारों को समान बल से खींचा जाये तो प्रत्यास्थ सीमा के अन्दर, तार $A$ एवं $B$ में संचित ऊर्जा का अनुपात होगा
यदि स्प्रिंग को खींचने पर उसकी लम्बाई में वृद्धि $x$ हो तब उसमें संचित ऊर्जा होगी (यदि $T$ स्प्रिंग में तनाव तथा $k$ स्प्रिंगका स्प्रिंग नियतांक है)
$\mathrm{Y}=7.0 \times 10^{10} \mathrm{~N} / \mathrm{m}^2$ यंग प्रत्यास्थता गुणांक के साथ एक एल्युमिनियम की छड़ $0.04 \%$ प्रत्यास्थ विकृति के अन्तर्गत जाती है। प्रति एकांक आयतन में संचित ऊर्जा $\left(\mathrm{J} / \mathrm{m}^3\right.$ में) है:
एक $5$ मी लम्बे तार को छत से जोड़ दिया जाता है। इसके निचले सिरे पर $10$ किग्रा का वजन लटकाया जाता है जो जमीन से $1$ मी ऊपर रहता है। यदि तार की लम्बाई में बढ़ोत्तरी $1$ मिमी हो, तो खिंचने के कारण तार में संचित ऊर्जा …….. $joule$ होगी
तनी हुई रबर में होती है
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