चित्रानुसार त्रिज्या $R$ तथा आवेश $q$ का एक ठोस धात्वीय गोला $a$ आन्तरिक त्रिज्या तथा $b$ बाह्य त्रिज्या के गोलीय कोश के अन्दर समकेन्द्रीय रखा है। केन्द्र $O$ से $r$ दूरी के फलन के रूप में विधुत क्षेत्र  $\overrightarrow{ E }$ का निकटतम विचरण होगा।

981-913

  • [JEE MAIN 2021]
  • A
    981-a913
  • B
    981-b913
  • C
    981-c913
  • D
    981-d913

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दो अनंत लम्बाई की समानान्तर चालक पट्टिकायें (प्लेट्स) जिनके सतही आवेश घनत्व क्रमश : $ + \sigma $ और $ - \sigma $ हैं, एक थोड़ी दूरी के अंतराल पर रखी हैं। इन पट्टिकाओं के बीच का माध्यम निर्वात है। अगर निर्वात का परावैद्युतांक ${\varepsilon _0}$ है, तो पट्टिकाओं के बीच विद्युत क्षेत्र का मान है

  • [AIIMS 2005]

निम्न में से कौनसा ग्राफ, $R$ त्रिज्या के खोखले गोलीय चालक के कारण विद्युत क्षेत्र $E$ तथा गोले के केन्द्र से दूरी $r$ में परिवर्तन को दर्शाता है

चित्र में, धनात्मक आवेश की एक बहुत बड़ी समतल शीट दर्शायी गयी है। आवेश वितरण से $l$ व $2 l$ दूरी पर दो बिन्दु $P _1$ व $P _2$ है। यदि $\sigma$ पृप्ठ आवेश घनत्व है, तब $P _1$ व $P _2$ पर विद्युत क्षेत्र $E _1$ व $E _2$ के परिमाण क्रमश: है।

  • [JEE MAIN 2022]

त्रिज्या $R$ और कुल आवेश $Q$ वाले एक ठोस गोले पर आवेश घनत्व वितरण $P(r)=\frac{Q}{\pi R^{4}} r,$ गोले के केन्द्र से $r_{1}$ दूरी पर गोले के अन्दर एक बिन्दु $'p'$ पर विघुत क्षेत्र का परिमाण है :

  • [AIEEE 2009]

एक $R$ त्रिज्या के गोले में समान घनत्व $\rho$ का आवेश वितरित है। यदि इस गोले से $\frac{ R }{2}$ त्रिज्या का एक गोला काटकर चित्रानुसार निकाल दिया जाय तो बचे हुए भाग के कारण बिन्दु ओं $A$ तथा $B$ पर विधुत क्षेत्र (क्रमशः $\overrightarrow{ E }_{ A }$ तथा $\overrightarrow{ E }_{ B }$ ) के मान का अनुपात $\frac{\left|\overrightarrow{ E }_{ A }\right|}{\left|\overrightarrow{ E }_{ B }\right|}$ होगा।

  • [JEE MAIN 2020]