एक पत्थर $1\,m$ लम्बे धागे के सिरे से बाँधकर क्षैतिज वृत्त में नियत चाल से घुमाया जाता है। यदि पत्थर $44$ सैकण्ड में $22$ चक्कर पूर्ण करता है, पत्थर के त्वरण का परिमाण तथा दिशा होगी
$\frac{{{\pi ^2}}}{4}\;m{s^{ - 2}}$ तथा दिशा त्रिज्या के अनुदिश केन्द्र की ओर
${\pi ^2}\;m{s^{ - 2}}$ तथा दिशा त्रिज्या के अनुदिश केन्द्र से दूर
${\pi ^2}\;m{s^{ - 2}}$ तथा दिशा त्रिज्या के अनुदिश केन्द्र की ओर
${\pi ^2}\;m{s^{ - 2}}$ तथा दिशा वृत्त की स्पर्शरेखा के अनुदिश
एक कण नियत कोणीय वेग से वृत्तीय पथ पर गति कर रहा है। गति के दौरान
एक ऊध्व्वाधर चिकने अर्द्धवृत्तीय पथ के बिन्दु $X$ से एक कण को इस प्रकार छोड़ा जाता हैं कि $OX$ ऊध्र्वाधर से कोण $\theta$ बनाता हैं जैसा कि चित्र में दर्शाया गया हैं। कण के ऊपर पथ की अभिलम्ब प्रतिक्रिया बिन्दु $Y$ पर समाप्त हो जाती हैं जहाँ $OY$ क्षैतिज से कोण $\phi$ बनाता है। तब :
यदि वृत्ताकार पथ में गति करते हुए किसी पिंड (वस्तु) की चाल $10 \; ms ^{-1}$ है और यह अचर बनी रहती है तो, निम्नांकित में से कौनसा आलेख, त्वरण तथा त्रिज्या के बीच सम्बन्ध का ठीक (सही) चित्रण करता है ?
$2 \pi r$ लम्बई के एक घर्षण रहित तार को वृत्त बनाकर ऊर्ध्वाधर समतल में रखा है। एक मणिका (bead) इस तार पर फिसलती है। वृत्त को एक ऊर्ध्वाधर अक्ष $AB$ के परितः चित्रानुसार कोणीय वेग $\omega$ से घुमाया जाता है, तो वृत्त के सापेक्ष मणिका चित्रानुसार बिन्दु $P$ पर स्थिर पायी जाती है। $\omega^{2}$ का मान होगा?
$50$ सेमी लम्बी डोरी से एक पत्थर को बाँधकर क्षैतिज वृत्ताकार मार्ग में नियत चाल से घुमाया जाता है। यदि पत्थर $20$ सैकण्ड में $10$ चक्कर लगाता हो तो पत्थर का त्वरण ........ $cm/s^2$ है