एक पत्थर $1\,m$ लम्बे धागे के सिरे से बाँधकर क्षैतिज वृत्त में नियत चाल से घुमाया जाता है। यदि पत्थर $44$ सैकण्ड में $22$ चक्कर पूर्ण करता है, पत्थर के त्वरण का परिमाण तथा दिशा होगी

  • [AIPMT 2005]
  • A

    $\frac{{{\pi ^2}}}{4}\;m{s^{ - 2}}$ तथा दिशा त्रिज्या के अनुदिश केन्द्र की ओर

  • B

    ${\pi ^2}\;m{s^{ - 2}}$ तथा दिशा त्रिज्या के अनुदिश केन्द्र से दूर

  • C

    ${\pi ^2}\;m{s^{ - 2}}$ तथा दिशा त्रिज्या के अनुदिश केन्द्र की ओर

  • D

    ${\pi ^2}\;m{s^{ - 2}}$ तथा दिशा वृत्त की स्पर्शरेखा के अनुदिश

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एक कण किसी दी गई त्रिज्या $R$ के वृत्तीय पथ पर नियत कोणीय वेग से गति करता है तथा इस पर अभिकेन्द्रीय बल $F$ क्रियाशील रहता है। यदि कोणीय वेग को दोगुना कर दिया जाये और त्रिज्या वही रहे, तो नया बल होगा

एकसमान वृत्तीय गति में निम्न में से कौनसी भौतिक राशि नियत नहीं रहती

$4.4$ 'प्रकाश वर्ष' का बड़ा चाप वत्त के केन्द्र पर '$4$ सेकन्ड' का कोण बनाता है। $8\, AU$ प्रति सेकन्ड की चाल से एक वस्तु को $4$ चक्कर पूरा करने में कितना समय लगेगा? दिया है: $1$ प्रकाश वर्ष $=9.46$ $\times\, 10^{15} \,m ; 1 \,AU =1.5 \times \,10^{11} \,m$

  • [JEE MAIN 2021]

एकसमान वृत्तीय गति में, वेग सदिश तथा त्वरण सदिश होते हैं

कोई कण त्रिज्या $R$ के वत्त की परिधि के अनुदिश किसी छद्म केन्द्रीय बल $F$, जो $R ^{3}$ के व्युत्क्रमानुपाती है, के अधीन समान चाल से गतिमान है। इसकी परिक्रमा का आवर्तकाल होगा।

  • [JEE MAIN 2021]