किसी तार को बल $F$ द्वारा $0.01$ मीटर तक खींचा जाता है समान पदार्थ के अन्य तार, जिसका व्यास तथा लम्बाई पहले वाले की दो गुनी है, को समान बल लगाकर खींचने पर इसकी लम्बाई में वृद्धि होगी
$0.005\, m$
$0.01\, m$
$0.02\, m$
$0.002\, m$
$1$ मीटर लम्बी और एक सेमी $2$ अनुप्रस्थ परिच्छेद की लोहे की छड़ का ताप $0°C$ से $100°C$ बढ़ाया जाता है। यदि छड़ की लम्बाई को बढ़ने नहीं दिया जाता है, तो इसके लिये बल का परिमाण है
$(\alpha = {10^{ - 5}}/^\circ C$ and $Y = {10^{11}}\,N/{m^2})$
$L$ लम्बाई एवं $r$ त्रिज्या का एक तार, अपने एक सिरे पर दृढ़ता से जुड़ा हुआ है। जब तार का दूसरा सिरा, F बल से खींचा जाता है, तो इसकी लम्बाई में $5\,cm$ की वृद्धि होती है। समान पदार्थ का बना, $4 L$ लम्बाई एवं $4 r$ त्रिज्या का कोई दूसरा तार, समान परिसिथतियों के अन्तर्गत $4 F$ बल से खींचा जाता है तो इस तार की लम्बाई में हुई वृद्धि का मान $...........cm$ होगा।
$10-6$ मी $2$ क्षेत्रफल के तार की लम्बाई में $0.1\%$ की वृद्धि होने पर उसमें $1000$ न्यूटन का तनाव उत्पन्न होता है। तार का यंग प्रत्यास्थता गुणांक है
एक इकाई घन की सभी छ: सतहों पर $F$ तनन सार्मथ्य आरोपित किया जाता है। प्रत्येक भुजा की लम्बाई में वृद्धि होगी( $Y=$ यंग मापांक, =पॉइसन अनुपात)
एक रबर की डोरी जिसका अनुप्रस्थ परिच्छेद $2$ सेमी$^2$ है। $2×10$${^5}$ डाइन के रैखिक बल से खींचने पर अपनी प्रारम्भिक लम्बाई की दो गुनी हो जाती है। रबर का यंग प्रत्यास्थता गुणांक डाइन/सेमी${^2}$ में है