रेडियोधर्मी पदार्थ द्वारा उत्सर्जित a-किरणें हैं
ऋणावेशित कण
आयनीकृत हाइड्रोजन नाभिक
द्वि-आयनित हीलियम नाभिक
प्रोटॉन के समान द्रव्यमान के अनावेशित कण
रेडियोधर्मिता की खोज की थी
एक रेडियोसक्रिय तत्व का $16$ ग्राम प्रतिदर्श (सेम्पल) बम्बई से दिल्ली $2 $ घण्टे में लाया जाता है और यह पाया गया कि तत्व का $1$ ग्राम ही शेष (अविघटित) बचा। तत्व की अर्द्ध-आयु है
प्रारम्भ में $_A{X}$ के शुद्ध $M$ ग्राम नमूने पर विचार करें, यह एक समस्थनिक है, जिसकी अर्द्धआयु $T$ है। इसकी प्रारम्भिक विघटन दर क्या है ($N_A$= एवोगेड्रो संख्या)
यदि रेडियोसक्रिय नमूने का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाये तब नमूने की सक्रियता एवं इसका विघटन स्थिरांक क्रमश:
दो रेडियोसक्रिय परमाणु स्पेसीस (radioactive atom species) को बराबर संख्या में मिश्रित किया जाता है। पहले स्पेसीस का क्षय स्थिरांक $\lambda$ तथा दूसरे का $\lambda \sqrt{3}$ है। लंबे समय के उपरांत इस मिश्रण की औसत आयु लगभग होगी