जब किसी कमरे में एक प्रोटॉन को विराम अवस्था से मुक्त किया जाता है तो, यह प्रारंभिक त्वरण $a _{0}$ से पश्चिम दिशा की ओर गति करता है। यदि इसे $v _{0}$ वेग से उत्तर दिशा की आरे प्रेक्षित किया जाता है तो यह प्रारंभिक त्वरण $3 a _{0}$ से पश्चिम दिशा की आर चलता है तो, इस कमरे में विधुत तथा चुम्बकीय क्षेत्र हैं:
$\frac{{m{a_0}}}{e}$ west , $\frac{{m{a_0}}}{{e{V_0}}}$ up
$\;\frac{{m{a_0}}}{e}$ west , $\frac{{2m{a_0}}}{{e{V_0}}}$ down
$\frac{{m{a_0}}}{e}$ east , $\frac{{3m{a_0}}}{{e{V_0}}}$ up
$\frac{{m{a_0}}}{e}$ east, $\frac{{3m{a_0}}}{{e{V_0}}}$ down
एक इलेक्ट्रॉन (आवेश $q$ कूलॉम) $H$ वेबर/मी$^2$ के चुम्बकीय क्षेत्र में उस क्षेत्र की ही दिशा में वेग $v$ मी/सै से प्रवेश करता है। इलेक्ट्रॉन पर लगने वाला बल है
एक आवेशित कण जिस पर $1\, \mu C$ का आवेश है $(2 \hat{ i }+3 \hat{ j }+4 \hat{ k })\, ms ^{-1}$ वेग से चल रहा है। यदि कण के आस पास $(5 \hat{ i }+3 \hat{ j }-6 \hat{ k }) \times 10^{-3} \,T$ का चुम्बकीय क्षेत्र हो तो कण पर लगने वाला बल $\overline{ F } \times 10^{-9} \,N$ है। $\overline{ F }$ वेक्टर है।
$1 \times 10^{-4} Wbm ^{-2}$ के पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् दिशा में $0.1 keV$ ऊर्जा का एक इलेक्ट्रॉन चलता है। इलेक्ट्रॉन के परिक्रमण की आवृत्ति होगी: (माना इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान $=9.0 \times 10^{-31} kg$ )
एक प्रोटॉन, एक ड्यूट्रॉन एवं एक $\alpha - $ कण एकसमान गतिज ऊर्जा से एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्तीय पथों पर गति कर रहे हैं। यदि ${r_p},\,{r_d}$ तथा ${r_\alpha }$ इनके पथों की त्रिज्यायें हैं तो
एक इलैक्ट्रॉन धनात्मक $\mathrm{x}$-अक्ष के अनुदिश गति कर रहा है। यदि गतिमान आवेश पर ऋणात्मक $\mathrm{z}$-अक्ष के समान्तर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र आरोपित किया जाता हैं, तब
$A$. इलैक्ट्रॉन धनात्मक $y$-अक्ष के अनुदिश चुम्बकीय बल का अनुभव करेगा।
$B$. इलैक्ट्रॉन ॠणात्मक $\mathrm{y}$-अक्ष के अनुदिश चुम्बकीय बल का अनुभव करेगा।
$C$. इलैक्ट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र में किसी बल का अनुभव नही करेगा।
$D$. इलैक्ट्रॉन धनात्मक $\mathrm{x}$-अक्ष के अनुदिश लगातार गति करेगा।
$E$. इलैक्ट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्ताकार पथ के अनुदिश गति करेगा।
नीचे दिये गये विकल्पों से सही उत्तर चुनिए: