एक दीर्घवृत $E: \frac{x^2}{a^2}+\frac{y^2}{b^2}=1$ अतिपरवलय $H: \frac{x^2}{49}-\frac{y^2}{64}=-1$ के शीर्षो से होकर जाता है। माना दीर्घवृत $E$ के दीर्घ तथा लघु अक्ष क्रमशः अतिपरवलय $H$ के अनुप्रस्थ तथा संयुग्मी अक्ष के सम्पाती हैं। माना $E$ तथा $H$ की उत्केन्द्रताओं का गुणनफल $\frac{1}{2}$ है। यदि दीर्घवृत $E$ की नाभिलंब जीवा की लंबाई $l$ है, तो $113 l$ का मान है  $...............$

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  • A

    $1500$

  • B

    $1552$

  • C

    $1000$

  • D

    $1553$

Similar Questions

अतिपरवलय $\frac{{{x^2}}}{3} - \frac{{{y^2}}}{2} = 1$ की उस स्पर्श रेखा का समीकरण, जो अक्षों से समान कोण बनाती है, है

अतिपरवलय $5{x^2} - 9{y^2} = 45$की स्पर्श रेखा $y = x + 2$ का स्पर्श बिन्दु है

सरल रेखा $x + y = \sqrt 2 p$ अतिपरवलय $4{x^2} - 9{y^2} = 36$ को स्पर्श करती है, यदि             

अतिपरवलय $16{x^2} - {y^2} + 64x + 4y + 44 = 0$ के अनुप्रस्थ अक्ष तथा संयुग्मी अक्ष के समीकरण हैं

वक्रों $C _1: \frac{ x ^2}{4}+\frac{ y ^2}{9}=1$ तथा $C _2: \frac{ x ^2}{42}-\frac{ y ^2}{143}=1$ की एक ऊभयनिष्ठ स्पर्श रेखा $T$ चतुर्थ चतुर्थाश से होकर नहीं जाती। यदि $T$ वक्र $C _1$ को $\left( x _1, y _1\right)$ पर तथा वक्र $C _2$ को $\left( x _2, y _2\right)$ पर स्पर्श करती है, तो $\left|2 x _1+ x _2\right|$ बराबर है $..........$

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