एक दीर्घवृत्त की उत्केन्द्रता $\frac{1}{2}$ और एक नाभि बिन्दु $P\left( {\frac{1}{2},\;1} \right)$ है। इसकी एक नियता वृत्त ${x^2} + {y^2} = 1$ और अतिपरवलय ${x^2} - {y^2} = 1$ की बिन्दु $P$ के निकट स्थित उभयनिष्ठ स्पर्श रेखा है। दीर्घवृत्त का मानक रूप में समीकरण होगा
$\frac{{{{(x - 1/3)}^2}}}{{1/9}} + \frac{{{{(y - 1)}^2}}}{{1/12}} = 1$
$\frac{{{{(x - 1/3)}^2}}}{{1/9}} + \frac{{{{(y + 1)}^2}}}{{1/12}} = 1$
$\frac{{{{(x - 1/3)}^2}}}{{1/9}} - \frac{{{{(y - 1)}^2}}}{{1/12}} = 1$
$\frac{{{{(x - 1/3)}^2}}}{{1/9}} - \frac{{{{(y + 1)}^2}}}{{1/12}} = 1$
यदि दीर्घवृत्त $25 x ^2+4 y ^2=1$ पर स्थित बिन्दु $(\alpha, \beta)$ से परवलय $y ^2=4 x$ पर दो स्पर्श रेखायें इस प्रकार खींची जाती है कि एक स्पर्श रेखा की प्रवणता, दूसरी स्पर्श रेखा की प्रवणता की चार गुना है, तो $(10 \alpha+5)^2+\left(16 \beta^2+50\right)^2$ का मान
मान लीजिए कि $x^2=4 k y, k > 0$ एक परवलय है, जिसका शीर्ष $A$ है। मान लें कि $B C$ इसका नाभि लंब $(latus\,rectum)$ है। एक दीर्घवृत, जिसका केंद्र $B C$ पर है और परवलय को $A$ पर छूता है, $B C$ को $D$ एवं $E$ बिन्दुओं पर इस प्रकार काटता है कि $B D=D E=E C(B, D, E, C$ के क्रम में)। दीर्घवृत की उत्केन्द्रता $(eccentricity)$ निम्न है :
माना $a , b$ तथा $\lambda$ धनात्मक वास्तविक संख्यायें है। माना परवलय $y ^2=4 \lambda x$ के नाभिलम्ब का अंतिम बिन्दु $P$ है तथा माना दीर्घवृत्त $\frac{ x ^2}{ a ^2}+\frac{ y ^2}{ b ^2}=1$, बिन्दु $P$ से गुजरता है। यदि परवलय तथा दीर्घवृत्त के बिन्दु $P$ पर खींची गई स्पर्श रेखायें एक दूसरे के लम्बवत् हो, तो दीर्घवृत्त की उत्केन्द्रता होगी
दीर्घवृत्तों $\mathrm{E}_{\mathrm{k}}: \mathrm{kx}^2+\mathrm{k}^2 \mathrm{y}^2=1, \mathrm{k}=1,2, \ldots ., 20$ का विचार कीजिए। माना $C_k$ वह वृत्त है, जो दीर्घवृत्त $E_k$ के अन्त्य बिंदुओं (एक लघु अक्ष पर तथा दूसरा दीर्घ अक्ष पर) को मिलाने वाली चार जीवाओं को स्पर्श करता है। यदि वृत्त $C_k$ की त्रिज्या $r_k$ है, तो $\sum_{\mathrm{k}=1}^{20} \frac{1}{\mathrm{r}_{\mathrm{k}}^2}$ का मान है :
माना एक दीर्घवृत्त, जिसका केन्द्र $(1,0)$ पर है तथा नाभिलंब जीवा की लंबाई $\frac{1}{2}$ है, का दीर्घ अक्ष, $\mathrm{x}$-अक्ष के अनुदिश है। यदि इसका लघु अक्ष इसकी नाभि पर $60^{\circ}$ का कोण बनाता हैं, तो इसके लघु तथा दीर्घ अक्षों की लंबाईयों के योग का वर्ग बराबर है :