जल के ताप में वृद्धि करने पर श्यानता
अपरिवर्तित रहेगी
घटेगी
बढ़ेगी
घटेगी अथवा बढ़ेगी यह बाह्य दाब पर निर्भर होगा
कमरे के ताप पर किसी तेल की टंकी में गिर रही $5\,mm$ त्रिज्या वाली किसी ताँबे की गेंद का सीमांत वेग $10\, cm\,s ^{-1}$ है। यदि कमरे के ताप पर तेल की श्यानता $0.9\,kg\,m ^{-1}\,s ^{-1}$ है, तो. आरोपित श्यान बल है :
जल की बूँद, वायु में अत्यधिक ऊँचाई $h$ से गिरती है। उसका अंतिम वेग होगा
त्रिज्या $0.1\,mm$ तथा $10^4\,kg m ^{-3}$ घनत्व वाली एक छोटी गोलीय गेंद पानी की टंकी में प्रवेश करने से पूर्व गुरूत्व के अधीन $h$ दूरी से मुक्त रूप से गिरती है। यदि पानी में गिरने के बाद इसका वेग नहीं बदलता है तथा यह समान नियत वेग से पानी अन्दर गति करती है, तो $h$ का मान $m$ में ज्ञात कीजिये ।(दिया है $g =10\,ms ^{-2}$,पानी की श्यानता $=1.0 \times 10^{-5}\,N - sm ^{-2}$ )
उच्च श्यानता वाले द्रव के किसी लम्बे स्तम्भ में एक गोलाकार गेंद गिरायी जाती हैं। समय $( t )$ के फलन के रूप में गेंद की चाल $(v)$ को, दिखाए गए अभिरेख में कौन सा वक्र निरूपित करता है ?
मान लीजिये कि एक फुटबाल पर लगने वाला कर्षण बल मात्र हवा के घनत्व, फुटबाल के वेग तथा फुटबाल की अनुप्रष्ठ काट के क्षेत्रफल पर निर्भर करता है। भिन्न आकार किन्तु समान घनत्व की दो फुटबाल को हवा में गिराया जाता है। यदि फुटबाल के द्रव्यमान क्रमश: $250 \,g$ तथा $125 \,g$ हैं, तो उनके सीमांत वेगों (terminal velocities) का अनुपात होगा: