किसी समय पर $5 \mu Ci$ एक्टिवता के एक रेडियोएक्टिव नमूने (sample) $S_{1}$ में नाभिकों की संख्या एक दूसरे नमूने $S _{2}$, जिसकी एक्टिवता $10 \mu Ci$ है, के नाभिकों से दुगुनी है। $S_{1}$ एवं $S_{2}$ की अर्द्ध-आयुओं का मान होगा
क्रमश: 10 वर्ष एवं 20 वर्ष
क्रमश: 5 वर्ष एवं 20 वर्ष
क्रमश: 20 वर्ष एवं 10 वर्ष
क्रमश: 20 वर्ष एवं 5 वर्ष
एक रेडियोएक्टिव नाभिक दो अलग-अलग प्रक्रियाओं से विघटित होता है। पहली प्रक्रिया की अर्धायु $10 \,s$ है और दूसरी की $100 \,s$ है। उस नाभिक की प्रभावी अर्धायु का निकटतम मान $.....\,s$ है।
$1$ क्यूरी निम्न के तुल्य है
$^{215}At$ की अर्द्धआयु $100\mu\, s$है तो $^{215}At$ के प्रतिदर्श की रेडियो सक्रियता प्रारम्भिक मान की $1/16$ गुनी होने में लगा समय .......$\mu s$ है
जब किसी नाभिक की अर्द्ध-आयु $1445$ वर्ष है उस समय इसके विघटन की दर ${10^{17}}$ प्रति सेकण्ड है। नाभिकों की मूल संख्या है
रेडियोधर्मी पदार्थ द्वारा उत्सर्जित a-किरणें हैं