यह माना जाता है कि कुछ न्यूट्रॉन तारे (बहुत घने तारे) $1$ चक्कर/सैकण्ड से घूर्णन करते हैं। यदि इन तारों की त्रिज्या $20\, km$ हो तो तारे की मध्य रेखा पर स्थित किसी वस्तु का त्वरण होगा
$20 \times {10^8}m/{\sec ^2}$
$8 \times {10^5}m/{\sec ^2}$
$120 \times {10^5}m/{\sec ^2}$
$4 \times {10^8}m/{\sec ^2}$
वृत्तीय गति करते हुये कण का अभिकेन्द्रीय त्वरण होता है
एक कण $\mathrm{R}$ त्रिज्या के एक वृत्त पर एक समान चाल से गति कर रहा है तथा एक चक्कर पूर्ण करने में $\mathrm{T}$ समय लेता है। यदि इसको एक समान चाल से क्षैतिज से $\theta$ कोण पर प्रक्षेपित किया जाता है तो इसके द्वारा तय की गई अधिकतम ऊँचाई $4 \mathrm{R}$ है। तब प्रक्षेपण कोण $\theta$ होगा :
एक बिजली के पंखे की पंखुड़ियों की लम्बाई उसकी घूणीअक्ष से मापने पर $30 $ सेमी है। यदि पंखा $1200\, rpm$ से घूम रहा है, तो पंखुड़ी की नोक का त्वरण .......... $m/\sec^2$ होगा
$2 \pi r$ लम्बई के एक घर्षण रहित तार को वृत्त बनाकर ऊर्ध्वाधर समतल में रखा है। एक मणिका (bead) इस तार पर फिसलती है। वृत्त को एक ऊर्ध्वाधर अक्ष $AB$ के परितः चित्रानुसार कोणीय वेग $\omega$ से घुमाया जाता है, तो वृत्त के सापेक्ष मणिका चित्रानुसार बिन्दु $P$ पर स्थिर पायी जाती है। $\omega^{2}$ का मान होगा?
एक कण $25$ सेमी त्रिज्या के वृत्त में $2 $ चक्कर/सैकण्ड की चाल से गति कर रहा है। कण का त्वरण $m/{s^2}$में होगा