वक्र $xy = {c^2}$ प्रदर्शित करता है
परवलय
समकोणीय अतिपरवलय
अतिपरवलय
दीर्घवृत्त
(b) $xy = {c^2}$,
समकोणीय अतिपरवलय ${a^2} = {b^2}$ है।
वक्र ${x^2} – {y^2} = 1$ की उत्केन्द्रता है
अतिपरवलय $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} – \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ का केन्द्र $C$ है। इस अतिपरवलय के किसी भी बिन्दु $P$ पर खींची गयी स्पर्श रेखा, सरल रेखाओं $bx – ay = 0$ व $bx + ay = 0$ को क्रमश: $Q$ व $R$ बिन्दुओं पर मिलती है, तो $CQ\;.\;CR = $
रेखाओं $ax\sec \theta + by\tan \theta = a$ तथा $ax\tan \theta + by\sec \theta = b$, जहाँ $\theta $ प्राचल है, के प्रतिच्छेद बिन्दु का बिन्दुपथ है
अतिपरवलय $H : x ^2- y ^2=1$ तथा दीर्घवृत $E : \frac{ x ^2}{ a ^2}+\frac{ y ^2}{ b ^2}=1, a > b > 0$ के लिए, माना
$(1)$ $E$ की उत्केन्द्रता, $H$ की उत्केन्द्रता की व्युत्क्रमणीय हैं, तथा
$(2)$ रेखा $y =\sqrt{\frac{5}{2}} x + K , E$ तथा $H$ की एक उभयनिष्ठ स्पर्श रेखा है।
तब $4\left( a ^2+ b ^2\right)$ बराबर है
अतिपरवलय $\frac{{{x^2}}}{{16}} – \frac{{{y^2}}}{9} = 1$ के बिन्दु $( – 4,\;0)$ पर अभिलम्ब का समीकरण होगा
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