रेडियोएक्टिव क्षय में उत्सर्जित ऋण आवेशी $\beta$ -कण होते हैं
नाभिक के चारों ओर घूमने वाले इलेक्ट्रॉन
नाभिक के भीतर विद्यमान इलेक्ट्रॉन
नाभिक के भीतर न्यूट्रानों के क्षय से उत्पन्न इलेक्ट्रॉन
परमाणुओं के टकराने से उत्पन्न इलेक्ट्रॉन
किसी रेडियोधर्मी पदार्थ की अर्द्धआयु $48$ घण्टे है। इसका $\frac{1}{{16}}$ भाग क्षय होने में लगा समय ........ घण्टे है
${ }^{198} Au$ की अर्धायु $3$ दिन है। यदि ${ }^{198} Au$ का परमाणु भार $198\; g / mol$ है, तो ${ }^{198} Au$ के $2\; mg$ की क्रियाशीलता $ \dots \times 10^{12}\;$ विघटन / सेकण्ड है।
$^{131}I$ की अर्द्धआयु $8$ दिन हैं। यदि $^{131}I$ का नमूना $t = 0$ समय पर दिया गया है तो हम कह सकते हैं
कोई रेडियोएक्टिव पदार्थ $3$ दिन में घटकर अपनी वास्तविक मात्रा का $1 / 8$ भाग रह जाता है। यदि 5 दिन बाद $8 \times 10^{-3} \mathrm{~kg}$ पदार्थ बचता है तो, पदार्थ की प्रारम्भिक मात्रा है: ....... $g$
पृथ्वी पर ${ }^{235} U$ मात्र $0.72$ प्रतिशत में उपलब्ध है एवं अन्य $(99.28 \%)$ को ${ }^{235} U$ माना जा सक्ता है। मान लीजिए कि पृथ्वी पर मौजूद सभी यूरनियम बहुत पहले एक सुपरनोवा विस्फोट से ${ }^{235} U / 238 U =2.0$ के अनुपात में उत्पन्न हुए। यह सुपरनोवा घटना कितने वर्ष पहले हुई होगी? ( ${ }^{235} U$ एवं ${ }^{238} U$ की अर्द्ध आयु क्रमशः $7.1 \times 10^8$ वर्ष एवं $4.5 \times 10^9$ वर्ष हैं।)