किसी दुर्बल वैद्युत अपघट्य $\left(\mathrm{K}_{\mathrm{eq}}=\right.$ साम्यावस्था स्थिरांक) $\mathrm{A}_2 \mathrm{~B}_3$ जिसकी सान्द्रता ' $\mathrm{c}$ ' है, के सान्द्र विलयन के लिये आयनन की मात्रा " $\alpha$ ' है।
$\left(\frac{ K _{ eq }}{108 c ^4}\right)^{\frac{1}{5}}$
$\left(\frac{ K _{ eq }}{6 c ^5}\right)^{\frac{1}{5}}$
$\left(\frac{K_{e q}}{5 c^4}\right)^{\frac{1}{5}}$
$\left(\frac{ K _{ eq }}{25 c ^2}\right)^{\frac{1}{5}}$
$HF , HCOOH$ तथा $HCN$ का $298\, K$ पर आयनन स्थिरांक क्रमश: $6.8 \times 10^{-4}, 1.8 \times 10^{-4}$ तथा $4.8 \times 10^{-9}$ है। इनके संगत संयुग्मी क्षारकों के आयनन स्थिरांक ज्ञात कीजिए।
$310 \,K$ पर जल का आयनिक गुणनफल $2.7 \times 10^{-14}$ है। इसी तापक्रम पर उदासीन जल की $pH$ ज्ञात कीजिए।
$2\%$ आयनित दुर्बल अम्ल के $ 0.1$ जलीय विलयन में $[{H^ + }]$ की सान्द्रता और $[O{H^ - }]$ आयनों की सान्द्रताएँ हैं [जल का आयनिक गुणनफल $ = 1 \times {10^{ - 14}}]$
$1.00\,(M)$ $\,HCN\,$ विलयन के एक लीटर में ${H^ + }$ आयन की गणना कीजिए $({K_a} = 4 \times {10^{ - 10}})$
एक दुर्बल अम्ल का $p{K_a}$ किस तरह परिभाषित होगा