नवीन रुप से बने रेडियोएक्टिव स्रोत से (जिसकी अर्द्ध-आयु $2$ घंटे है) उत्सर्जित विकिरण की तीव्रता अनुमत सुरक्षित स्तर से $64$ गुना है। वह न्यूनतम समय जिसके पश्चात् इस स्रोत से सुरक्षापूर्वक ........ घंटे कार्य किया जा सकेगा
$6$
$12$
$24$
$128$
सैलूनों में हमेशा एक प्रकार की गंध रहती है, जो अमोनिया जनित रसायनों से बने बाल रंगने एवं अन्य उत्पादों द्वारा उत्पन्न होती है। मान लीजिए कि अमोनिया के अणुओं का प्रारंभिक सांद्रण (concentration) $1000$ अणु प्रति घन मीटर है। वायु संवातन (ventilation) के कारण एक मिनट में जितने अणु सैलून के बाहर जाते हैं, वे उस मिनट के प्रारम्भ में उपस्थित अणुओं की संख्या के दसवे हिस्से के बराबर है। कितने समय बाद सैलून में अमोनिया अणुओं का सांद्रण $1$ अणु प्रति घन मीटर हो जाएगा ?
दो रेडियोधर्मी नाभिकों, $A$ तथा $B$, की अर्धआयु क्रमशः $10$ minutes तथा $20$ minutes है। यदि एक नमूने में आरम्भ में दोनों नाभिकों की संख्या बराबर है तो $60$ minutes पश्चात् $A$ तथा $B$ के क्षयित नाभिकों की संख्या का अनुपात होगा।
दो रेडियोधर्मी पदार्थो ${X_1}$ तथा ${X_2}$ के क्षय नियतांक क्रमश: $10\lambda $ तथा $\lambda $ हैं। यदि प्रारम्भ में उनमें समान संख्या में नाभिक हों तो $\frac{1}{e}$ समय पश्चात् ${X_1}$ तथा ${X_2}$ में उपस्थित नाभिकों का अनुपात होगा
यदि $30^{\circ}$ मिनिट अर्द्आयु का एक रेडियोएक्टिव तत्व बीटा क्षय के अन्तर्गत हो तो $90 \mathrm{~min}$ के बाद बचे अक्षय रेडियो एक्टिव तत्व का अंश होगा:
एक रेडियोएक्टिव पदार्थ की अर्द्ध-आयु $T$ है। सभी नाभिकों का विघटन होने में समय लगेगा