किसी रेडियोसक्रिय पदार्थ का अर्द्धकाल 60 दिन है। इसके वास्तविक द्रव्यमान के $\frac{7}{8}$ भाग को विघटित होने में लगा समय $.........$ दिनों में होगा :
$120$
$130$
$180$
$20$
एक रेडियोसक्रिय पदार्थ की सक्रियता $9$ वर्ष पश्चात् अपनी प्रारम्भिक सक्रियता ${R_0}$ की एक तिहाई रह जाती है अगले $9$ वर्ष बाद इसकी सक्रियता हो जायेगी
एक रेडियोसक्रिय प्रतिदर्श में दो भिन्न-भिन्न प्रकार के पदार्थ हैं। प्रारम्भ में दोनों पदार्थों के नाभिकों की संख्या समान है। एक पदार्थ का औसत आयुकाल $\tau$ एवं दूसरे पदार्थ का $5\tau$ है। दोनों पदार्थों के विघटन उत्पाद स्थायी हैं। प्रतिदर्श में उपस्थित कुल रेडियोसक्रिय नाभिकों एवं समय के बीच सही ग्राफ है
एक रेडियोंधर्मी पदार्थ की सक्रियता $A$ एवं सक्रियता परिवर्तन की दर $R$ क्रमशः $A=\frac{-d N}{d t}$ तथा $R=\frac{-d A}{d t}$ संबंधों द्वारा परिभापित की जाती है, जहॉ समय $t$ पर नाभिकों की संख्या $N(t)$ है। दो रेडियोंधर्मी स्त्रेत $P$ (औसत आयु $\tau$ ) तथा $Q$ (औसत आयु $2 \tau$ ) की समय $t=0$ पर समान सक्रियता है। उनकी सक्रियता परिवर्तन की दरें समय $t=2 \tau$ पर क्रमशः $R_P$ तथा $R_Q$ है। यदि $\frac{R_P}{R_Q}=\frac{n}{e}$, तब $n$ का मान है।
$A$ और $B$ पदार्थों के अर्द्ध आयुकाल क्रमश: $20$ मिनट और $40$ मिनट हैं, प्रारम्भ में $A$ और $B$ में नाभिकों की संख्या समान है। $80$ मिनट पश्चात $A$ और $B$ में बचे हुये नाभिकों की संख्या होगी
सोने की प्रारम्भिक मात्रा $1\,mg$ है। यदि सोने का अर्द्धआयुकाल $2.7$ दिन हो तो $8.1$ दिनों बाद शेष मात्रा .........$mg$ होगी