$A$ और $B$ पदार्थों के अर्द्ध आयुकाल क्रमश: $20$ मिनट और $40$ मिनट हैं, प्रारम्भ में $A$ और $B$ में नाभिकों की संख्या समान है। $80$ मिनट पश्चात $A$ और $B$ में बचे हुये नाभिकों की संख्या होगी
$ 1 : 16$
$4 : 1$
$1 : 4$
$ 1 : 1$
तीन रेडियोधर्मी पदार्थो $A , B$ तथा $C$ की सक्रियता को दिये गये चित्र में क्रमश : वक्र $A , B$ तथा $C$ से दिखाया गया है। इन पदार्थो की अर्ध आयुओं का अनुपात, $T _{\frac{1}{2}}( A ): T _{\frac{1}{2}}( B ): T _{\frac{1}{2}}( C )$, होगा :
किसी रेडियोएक्टिव तत्व की अर्द्धआयु $10$ दिन है। वह समय जिसमें मात्रा प्रारम्भिक द्रव्यमान की $1/10$ रह जायेगी .......दिन होगा
$^{66}Cu$ के शुद्ध प्रतिदर्श से प्रारम्भ करने पर $15$ मिनट में इसके अपने मूल का $\frac{7}{8}$ भाग $Zn$ में क्षयित हो जाता है तदनुरूपी अर्धायु .......... मिनट है
एक रेडियोएक्टिव तत्व का क्षय नियतांक है $0.01$ प्रति सैकण्ड, तो उसकी अर्द्ध-आयु ........सैकण्ड होगी
$2$ घंटे $30$ मिनट की अर्द्धायु वाला, नया-नया बना एक रेडियोसक्रिय स्त्रोत, अपने अनुमेय सुरक्षित स्तर के $64$ गुना विकिरण उत्सर्जित करता है। जिस न्यूनतम समय के बाद, इस स्त्रोत के साथ सुरक्षित कार्य करना संभव हो पाएगा, वह है $...........$ घंटे।