यदि अतिपरवलय $16 x ^{2}-9 y ^{2}=144$ की नियता (directrix) $5 x+9=0$ है, तो इसका संगत नाभिकेन्द्र है
$(5, 0)$
$\left( {\frac{5}{3},0} \right)$
$(-5, 0)$
$\left( { - \frac{5}{3},0} \right)$
अतिपरवलय $\frac{x^{2}}{4}-\frac{y^{2}}{5}=1$ के नाभिलंब के एक सिरे (जो प्रथम चतुर्थांश में है) पर खींची गई स्पर्श रेखा $x$-अक्ष तथा $y$-अक्ष को क्रमश बिन्दुओं $A$ तथा $B$ पर मिलती हैं, तो $( OA )^{2}-( OB )^{2}$, जहाँ $O$ मूल बिंदु है, बराबर है
अतिपरवलय $16{x^2} - {y^2} + 64x + 4y + 44 = 0$ के अनुप्रस्थ अक्ष तथा संयुग्मी अक्ष के समीकरण हैं
अतिपरवलय $9{x^2} - 16{y^2} + 18x + 32y - 151 = 0$ का केन्द्र है
वक्र ${b^2}{x^2} - {a^2}{y^2} = {a^2}{b^2}$ के बिन्दु $(a\sec \theta ,\;b\tan \theta )$ पर अभिलम्ब का समीकरण है
शांकव ${x^2} - {y^2} - 8x + 2y + 11 = 0$ के बिन्दु $(2, 1)$ पर स्पर्श का समीकरण होगा